वाराणसी माडल की तर्ज पर तैयार करेंगे कृषि निर्यात हब, अंतरराष्ट्रीय मानक पर किया जाएगा उत्पादन
खेती-किसानी के लिए हमेशा से समृद्ध रहा पूर्वांचल अब निर्यात के मामले में भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि मात्र डेढ़ साल में डेढ़ टन सब्जियों से निर्यात की शुरुआत करने वाले किसान अब तक 500 टन से अधिक का निर्यात कर चुके हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : खेती-किसानी के लिए हमेशा से समृद्ध रहा पूर्वांचल अब निर्यात के मामले में भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि मात्र डेढ़ साल में डेढ़ टन सब्जियों से निर्यात की शुरुआत करने वाले किसान अबतक 500 टन से अधिक का निर्यात कर चुके हैं। इस क्षमता को देखते हुए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) किसानों को अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप सब्जियां उगाने के लिए प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। इस क्रम में हाल के दिनों में उत्तराखंड से लेकर बिहार के कई जिलों में किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है।
वैसे कृषि उत्पाद के समूचे निर्यात को देखा जाए तो अभी तक 50 हजार टन से भी अधिक का निर्यात किया जा चुका है। इसमें काले चावल से लेकर अन्य अनाज भी शामिल हैं। अब तो प्रतिदिन तीन टन के कार्गों में सब्जियां भेजी जा रही हैं। अतिरिक्त होने की दशा में लखनऊ एयरपोर्ट से सब्जियां भेजी जाती हैं। वाराणसी से अभी तक शारजाह भेजने की व्यवस्था है। एपीडा के सहायक महाप्रबंधक डा. सीबी सिंह बताते हैं कि बहुत कम समय में पूर्वांचल से कृषि उत्पाद की स्थिति उत्साहजनक है। सब्जियों का निर्यात लगातार जारी है। ये कह सकते हैं कि मात्र डेढ़ साल में 500 टन तक सब्जियों का निर्यात विभिन्न देशों में किया गया है।