जौनपुर में छात्रसंघ राजनीति के बाद अब जिला पंचायत के सदन में इंट्री, तीन पूर्व अध्यक्षों को जनता ने चुना जिपं सदस्य
छात्रसंघ को राजनीति की प्राथमिक पाठशाला कहा जाता है जिले में हुए पंचायत चुनाव में छात्रसंघ की पौध से निकले कुछ धुरंधर भी जिला पंचायत के सदन में चुनकर पहुंचे है। तीन पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पर जनता ने अपना विश्वास जताते हुए जिला पंचायत सदस्य चुना।
जौनपुर, जेएनएन। छात्रसंघ को राजनीति की प्राथमिक पाठशाला कहा जाता है, जिले में हुए पंचायत चुनाव में छात्रसंघ की पौध से निकले कुछ धुरंधर भी जिला पंचायत के सदन में चुनकर पहुंचे है। तीन पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पर जनता ने अपना विश्वास जताते हुए जिला पंचायत सदस्य चुना। इसमें टीडी कालेज के एक व राज कालेज के दो पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष है।
टीडी कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे अमरेश रतन सिंह रंगीले जो 2004 में टीडी कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। मूलत: सिरकोनी के सादीपुर के रहने वाले हे। इसके बाद 2010 में बीडीसी चुने गए, इसमें यह उप ब्लाक प्रमुख भी चुने गए थे। इन्होंने वर्ष 2015 में पहली बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, लेकिन पराजय हाथलगी। इस बार वार्ड 70 से निर्दल जिला पंचायत सदस्य का चुनाव मैदान में उतरी। जनता ने इन्हें भारी मतों से विजयी बनाया। अमरेश रतन सिंह को 11 हजार 559 मत मिले तो निकटतम प्रतिद्वंदी विनीता को छह हजार 953 मत प्राप्त हुए।
वहीं मुफ्तीगंज के वार्ड संख्या 72 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते भीम यादव भी राज कालेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके है। वे 2013 में अध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद पहली जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़े और जनता ने इन पर विश्वास जताया और चुनाव जीतकर यह सदन में पहुंचे। इन्हें कुल 10 हजार 740 मत मिले। यह धर्मापुर के कबीरूद्दीनपुर गांव के रहने वाले हैं।
वार्ड संख्या 76 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते सचिन यादव सबसे कम उम्र के जनप्रतिनिधि बताए जा रहे हैं। यह वर्ष 2018 में 18 वर्ष की उम्र में राज कालेज छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव में इन्हें आठ हजार 178 मत मिला, जबकि इनके निकटतम प्रतिद्वंदी छह हजार 642 वोट मिले। यह मुफ्तीगंज दलाव गांव के रहने वाले हैं।