हत्या के आरोप में अधिवक्ता बहनोई व साले को फांसी की सजा, सिर व हाथों के अंगूठे काट कर साथ ले गये थे हत्यारे
सरायलखंसी थाना क्षेत्र में सम्पत्ति विवाद को लेकर रैकवारेडीह निवासी दुबरी पांडेय की निर्मम हत्या के मामले में न्यायालय ने अधिवक्ता बहनोई व उसके साले को फांसी की सजा सुनाई है।
मऊ, जेएनएन। सरायलखंसी थाना क्षेत्र में सम्पत्ति विवाद को लेकर रैकवारेडीह निवासी दुबरी पांडेय की निर्मम हत्या के मामले में न्यायालय ने अधिवक्ता बहनोई व उसके साले को फांसी की सजा सुनाई है। हत्यारे दुबरी का सिर व दोनों हाथों के अंगूठे काट कर लेते गये थे। अदालत ने इस घटना को रेयर आफ रेयरेस्ट की श्रेणी में रखा है।
मंगलवार को सजा के प्रश्न पर सुनवाई कर इस हत्या कांड को अदालत ने रेयर एण्ड रेयरेस्ट बताते हुए इसी गांव के राकेश पाण्डेय व रानीपुर थाना क्षेत्र के बरवां गांव निवासी यशवन्त चौबे को मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आदिल आफताब ने कल सोमवार को दोनो आरोपियो को उक्त मामले मे दोष सिद्ध किया था। यह मामला 12 मार्च 1996 के 12 बजे दिन की सरायलखन्सी थाना क्षेत्र के रैकवारे डीह गांव का है। वादी मुकदमा अपने बाबा दुबरी पाण्डेय के साथ गेहू का खेत सिचाई करके वापस आ रहे थे कि पहले से जिऊतबन्धन के खेत मे छिपे आरोपीगण इन्दाशन पाण्डेय,राकेश पाण्डेय,मिथिलेश ऊर्फ दीपू व धनश्याम पाण्डेय सभी निवासी रैकवारडीह तथा यशवन्त चौबे निवासी वरवां थाना रानीपुर उसके बाबा को पकड लिए तथा उन्हे पटक कर राकेश पाण्डेय ने दाव से दुबरी की गर्दन व हाथ का अंगूठा काट कर अलग कर दिया । वादी का यह भी आरोप है कि मृतक की गर्दन हाथ मे लेकर आरोपी सबको आतंकित किये कि कोई गवाही न करे तथा दोनो अंगूठा भी लेकर चले गये। मृतक के सर को सबूत मिटाने के लिए आरोपी तालाब मे फेक दिये थे ,जहा से मृतक का सिर पुलिस ने बरामद कर लिया । इस मामले के आरोपीगण इन्द्रासन पाण्डेय व घनश्याम पाण्डेय की मृत्यु हो चुकी है उनका मामला अवेट हो गया तथा आरोपी मिथिलेश को नाबालिग घोषित कर विचारण किशोर बोर्ड को भेजा जा चुका है। इस हत्याकाण्ड की अभियोजन की तरफ से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिह ने कुल नौ गवाहो को अदालत मे परीक्षित करा कर अभियोजन कथानक को सन्देह से परे साबित कराया ।वही बचाव पक्ष की तरफ से कुल पांच गवाहो को परीक्षित कराया गया । इस मामले मे अभियोजन व वचाव पक्ष की तरफ से प्रस्तुत साक्ष्य की गहन समीक्षा व दोनो पक्षों की दलीलो व नजीरों पर विस्तृत व्याख्या के उपरान्त उक्त निर्णय दिया ।