Move to Jagran APP

बनारस को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कृषि निर्यात का हब बनाने की प्रशासनिक तैयारी

उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति में कृषि फल-सब्जी निर्यात पर 10 लाख रुपए तक की ट्रांसपोर्ट सब्सिडी का प्रावधान के साथ ही बनारस को नई पहचान देने की तैयारी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 07:16 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 09:25 PM (IST)
बनारस को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कृषि निर्यात का हब बनाने की प्रशासनिक तैयारी
बनारस को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कृषि निर्यात का हब बनाने की प्रशासनिक तैयारी

वाराणसी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति में कृषि, फल-सब्जी निर्यात पर 10 लाख रुपए तक की ट्रांसपोर्ट सब्सिडी का प्रावधान के साथ ही बनारस को नई पहचान देने की तैयारी है। बनारस को पूर्वी उत्तर प्रदेश का कृषि निर्यात का हब बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। एपीडा का कार्यालय स्थापित करने के बाद किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप फल सब्जियों के उत्पादन हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, ईरी व अन्य विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण व उन्नतशील बीजों की उपलब्धता, पैकेज हाउस की स्थापना, ट्रांसपोर्ट सब्सिडी देने की तैयारी की जा रही है।

loksabha election banner

इस बाबत शनिवार को मंडलीय सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने विभिन्न विभागों के साथ बैठक कर कृषि निर्यात को बढ़ावा देने पर विस्तार से चर्चा और मंथन संग इसके लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। फल- सब्जी के ठीक से निर्यात हेतु एक पैक हाउस के निर्माण की कार्यवाही को अंजाम देने पर भी विमर्श हुअा। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक छोटा पैक हाउस स्थापना की तेयारियां अंतिम दौर में हैं। देश के किसी हवाई अड्डे पर यह पहला पैक हाउस होगा। कार्गो फैसिलिटी राजातालाब को भ्‍ाी जल्‍द और अपग्रेट किया जाएगा। प्रसिद्ध बनारसी लंगड़ा आम का जनपद में इस बार पर 70 हेक्टेयर भूमि में उत्पादन की तैयारियां की जा रही हैं। सेवापुरी ब्लाक में 1740 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

जानकारी दी गई कि इंदु वैरायटी की मिर्च जो एक्सपोर्ट होती है, उसका उत्पादन क्षेत्र बढ़ाया जा रहा है। किसानों के फार्म पर ऑन फार्म पैक हाउस निर्माण की योजना है। जिसमें दो लाख रुपये तक सब्सिडी है। ड्रिप सिंचाई किसानों को लाभकारी हुई। जिस पर 90 फीसदी सब्सिडी है। बैठक में ड्रिप सिंचाई के लाभार्थी किसान ने बताया कि इससे पैदावार व क्वालिटी दोनों में बढ़ोतरी हुई है। गाजीपुर के रेवतीपुर, जमानिया में किसान केले की खेती में ड्रिप सिंचाई का उपयोग कर लाभ ले रहे हैं।

चंदौली में काला धान में गुणवत्ता व पैदावार बढ़ोतरी के लिए ईरी संस्थान ने रिसर्च शुरू कर दिया है। इस काला धान की पौधे की लंबाई कम करने व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ही ईरी संस्था कार्य कर रही है। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मंडल के सभी जिलों में सब्जी, फलों के माडल फार्म किसानों के खेतों पर तैयार कर वहां अन्य किसानों को विजिट कराकर अंतर्राष्ट्रीय मानक अनुरूप उत्पादन के प्रशिक्षण पर जोर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित वाटर इनलैंड बंदरगाह, रामनगर पर एक जहाज आ गया है। जिससे जलीय मार्ग से ट्रांसपोर्ट का कार्य चल रहा है।

कमिश्नर ने कहा कि फार्मर प्रोडक्शन ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) को अधिक से अधिक बनाकर उनके माध्यम से निर्यात कार्य कराएं। इससे किसान को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कृषि, उद्यान विभागो को निर्देशित किया कि गांवों में किसानों के खेत पर प्रदर्शन क्षेत्र बनाकर दूसरे किसानों को दिखाएं। जो निर्यात कर रहे हैं, उनका विजिट कराएं। कैसे निर्यात के मानकों से फल-सब्जी उगाएं, यह किसान को बताएं। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना सशक्त गांव व किसान की समृद्धि से होगा। सरकार की हर योजना बताएं। कैसे किसान लाभ ले, यह बता कर सहयोग करें। बैठक में एपीडा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.