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बाबरी विध्वंस के मामले में फैसला आने के बाद पूर्वांचल में बढ़ाई गई अतिरिक्‍त सतर्कता

लगभग 28 साल बाद बाबरी विध्वंस के मामले का फैसला बुधवार की दोपहर आने के बाद पूर्वांचल के सभी जिलों में चौकसी बढ़ा दी गई। बुधवार को दोपहर में जिलों के प्रमुख नगर के साथ ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में पुलिस ने चक्रमण कर वाहनों की सघन तलाशी ली।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 03:26 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 05:45 PM (IST)
बाबरी विध्वंस के मामले में फैसला आने के बाद पूर्वांचल में बढ़ाई गई अतिरिक्‍त सतर्कता
बाबरी विध्वंस के मामले का फैसला बुधवार को आने के बाद पूर्वांचल के जिलों में चौकसी बढ़ा दी गई।

वाराणसी, जेएनएन। लगभग 28 साल बाद बाबरी विध्वंस के मामले का फैसला बुधवार की दोपहर आने के बाद पूर्वांचल के सभी जिलों में चौकसी बढ़ा दी गई। बुधवार को दोपहर में जिलों के प्रमुख नगर के साथ ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में पुलिस ने चक्रमण कर वाहनों की सघन तलाशी ली। इसके साथ ही दुकानों और आसपास इलाकों में बेवजह खड़े लोगों को पुलिस ने हटाया। इसके साथ ही रोडवेज व स्टेशनों पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है।

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जबकि वाराणसी के प्रमुख इलाकों को पहले ही पुलिस ने चिन्हित कर सुबह से ही गश्‍त शुरु कर दी। लोगों को जहां एक स्‍थान पर जमावड़े से रोका गया वहीं कुछ चुनिंदा लोगों पर विशेष नजर भी बनी रही। घाट से लेकर रेलवे स्‍टेशन पर भी सघन चौकसी बरती गई और आने जाने वाले संदिग्‍ध लोगों से पूछताछ भी की गई। इस बाबत पुलिस प्रशासन के भी शीर्ष अधिकारी लगातार चक्रमण कर हालात का जायजा लेते नजर आए। इस मामले में अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महाराज स्वामी साक्षी, बृजभूषण शरण सिंह, चंपत राय, पवन पांडे आदि को बुधवार की दोपहर आए फैसले में बरी कर दिया गया।


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