मानसून का जोर, पूर्वाचल में बूंदाबांदी का दौर
वाराणसी सहित पूर्वाचल में मानसून बीते तीन दिनों से सक्रिय है।
वाराणसी : काशी सहित पूर्वाचल में मानसून बीते तीन दिनों से सक्रिय है। इस दौरान बुधवार को जहां पूरे दिन आसमान पर बादलों का जमावड़ा बना रहा और कई जगह दिन भर रह-रह कर बारिश भी होती रही। वहीं गुरुवार की सुबह से कई जिलों में बूंदाबांदी का दौर चला और कई जगह झमाझम बारिश भी हुई। बादलों और बूंदों के बीच तीन दिनों की अपेक्षा पारा भी नीचे गिरा, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। हालांकि सुबह हल्की बारिश के बाद दोपहर होते ही उमस का स्तर भी बढ़ा और लोग पसीने-पसीने भी होते रहे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 30 जून तक पूर्वाचल के विभिन्न हिस्सों बारिश जारी रह सकती है। हालांकि काशी में तेज बारिश की कम ही गुंजाइश बताई जा रही है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार मानसून काफी सक्रिय है और यह गुरुवार तक दिल्ली पहुंच चुका है। इस लिहाजा से लगभग पूरा देश मानसूनी बादलों की जद में है। ऐसे में आने वाले दिनों में वातावरण से नमी मिलते ही बादल पानी भी गिराएंगे। मौसम का रुख देखकर खेती किसानी भी अब जोर पकड़ रही है। अभी तक मौसम का रुख देख रहे किसान भी खेतों में धान की रोपाई करना शुरु कर दिए हैं। मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि बादल एवं बारिश की इन गतिविधियों को मानसून कहा जा सकता है। बहुत दिनों बाद पुरवा हवा चली है। हिमालय की तराई और बंगाल की खाड़ी से मानसून आया है। यह निरंतर ही आगे बढ़ते जाएगा और सक्रियता बनी रहने से मानसून बारिश भी कराएगा।
'जब चले भू लोट पुरवाई तब जानो बरखा ऋतु आई' महाकवि घाघ की इन उक्तियों ने भी मौसम की सटीक पुष्टि की है। बीते तीन चार दिनों से पुरवा हवा का रुख बना हुआ है। ऐसे में जैसे ही नमी मिल रही है बादल पानी भी गिरा रहे हैं।