आदेश : सोशल मीडिया पर अमर्यादित टिप्पणी की तो खैर नहीं varanasi news
शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी लिखने बगैर पुष्टि किए मैसेज फारवर्ड करने वाले शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएंगी।
वाराणसी, जेएनएन। सोशल मीडिया अमर्यादित टिप्पणी करने वाले गुरुजी अब कार्रवाई के जद में होंगे। शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी लिखने, बगैर पुष्टि किए मैसेज फारवर्ड करने वाले शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएंगी। उन्हें सोशल मीडिया पर भी शिक्षक की मर्यादा का पूरा ध्यान देना होगा।
दरअसल सोशल मीडिया का दुरुपयोग बढ़ता जा रहा है। कुछ लोग बगैर सोचे-समझे टिप्पणी कर रहे हैं। यही नहीं बगैर पुष्टि किए मैसेज फारवर्ड कर रहे हैं। इससे शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हो रही है। पिछले दिनों बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ अध्यापकों ने स्कूल बंदी संबंधी फर्जी आदेश को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। बीएसए द्वारा जारी पुराने आदेश में तिथि संशोधित कर इसे वायरल किया गया था। इसे लेकर अभिभावक भी परेशान हुआ। इसकी पुष्टि के लिए बीएसए कार्यालय से लगायत समाचार दफ्तरों तक अभिभावकों ने फोन किया।
इसी प्रकार मई माह में प्राथमिक विद्यालय (पिलखिनी) की हेडमास्टर गीता तिवारी ने बीएसए के खिलाफ बीएसए के खिलाफ अभद्र टिप्पणी पोस्ट कर दी। हालांकि बीएसए ने उन्हें निलंबित कर दिया है। इस प्रकरण की अब भी जांच चल रही है। इसे देखते हुए बीएसए जय सिंह ने सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए एक आदेश भी जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी हेड मास्टर, सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, बेसिक शिक्षा विभाग या अधिकारियों से संबंधित कोई भी प्रतिकूल टिप्पणी न तो लिखेंगें और न ही किसी का पोस्ट किया हुआ प्रतिकूल मैसेज फारवर्ड करेंगे। यदि ऐसा कोई करता है कि तो उसके विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उधर पिछले दिनों लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सोशल मीडिया पर विभाग के प्रतिकूल पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था। सीएम के आदेश के अनुपालन में बीएसए ने निर्देश जारी किया है।
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