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पानी समझ छात्रा पर फेंका एसिड

जागरण संवाददाता, वाराणसी : स्कूल प्रबंधन की घोर लापरवाही के चलते कक्षा सात की छात्रा की जि

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Dec 2017 08:50 PM (IST)Updated: Tue, 19 Dec 2017 08:50 PM (IST)
पानी समझ छात्रा पर फेंका एसिड
पानी समझ छात्रा पर फेंका एसिड

वाराणसी : स्कूल प्रबंधन की घोर लापरवाही के चलते कक्षा सात की छात्रा की जिंदगी पर बन आई। सहपाठी ने खेल-खेल में पानी समझकर एसिड भरा बोतल छात्रा की तरफ फेंक दिया। आननफानन में छात्रा का चंद्रिका नगर स्थित निजी नर्सिग होम में उपचार कराने के बाद उसे परिजनों के साथ उसके गोदौलिया क्षेत्र स्थित आवास भेज दिया गया। हादसे की जानकारी लेने स्कूल पहुंचे मीडियाकर्मियों के साथ वहां के शिक्षक ने दु‌र्व्यवहार किया। स्कूल प्रबंधन घटना के बारे में लगातार अलग-अलग बयानबाजी करता रहा। सूचना पर पहुंची सिगरा पुलिस का कहना है कि यदि छात्रा के परिजन रिपोर्ट दर्ज कराते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।

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सिगरा क्षेत्र स्थित डब्ल्यू एच स्मिथ मेमोरियल स्कूल में बुधवार को साइंस फेस्ट का आयोजन है। इसके लिए मंगलवार को छात्र-छात्राओं को अपने माडल जमा करने थे। कक्षा सात की छात्रा भी अपना माडल जमा करने के लिए स्कूल पहुंची थी। बताते हैं कि साइंस लैब में काम के दौरान छात्रा व उसके मित्र कक्षा के बाहर वाटर कूलर से हाथ धो रहे थे। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने खेल-खेल में एक- दूसरे पर पानी फेंकना शुरू कर दिया।

एक छात्र ने वाटर कूलर के पास रखे टायलेट क्लीनर को पानी की बोतल समझकर उठा लिया और बगल में खड़ी छात्रा पर फेंका। चेहरे व शरीर के अन्य हिस्से पर क्लीनर पड़ते ही छात्रा तिलमिला उठी और जलन के चलते उसकी चीख निकल गई। आसपास मौजूद सहपाठियों को कुछ समझ में नहीं आया। उधर, चीख व छात्रा को तड़पते देख स्कूल में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे शिक्षकों को माजरा समझते देर नहीं लगी। प्राथमिक उपचार के बाद परिजनों को सूचना देने के साथ ही छात्रा को चंद्रिका नगर कालोनी स्थित निजी नर्सिग होम ले जाया गया।

सोशल मीडिया पर वायरल

हादसे के बाद स्कूल के किसी शिक्षक या छात्र ने घटना को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसमें बताया गया कि किसी स्कूल में छात्रा पर एसिड फेंका गया है। मीडियाकर्मी वहां पहुंचे तो एक शिक्षक ने दु‌र्व्यवहार किया और पीड़ित छात्रा के बारे में जानकारी देने से इन्कार कर दिया। प्रधानाचार्य ने भी नियम का हवाला देते हुए छात्रा की पहचान बताने से मना कर दिया। साथ ही स्कूल प्रबंधन यह नहीं बता सका कि टायलेट क्लीनर कैसे बच्चों की पहुंच तक आ गया।


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