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दुर्घटना राहत ट्रेन Live Video Transmission System से होगी लैस, कंट्रोल से अधिकारी राहत दल की कर सकेंगे मदद

देश के किसी भी हिस्से में ट्रेन दुर्घटना होने पर राहत कार्यो के लिए नेटवर्क की समस्या नहीं आएगी। अधिकारी कहीं भी बैठकर वहां की स्थिति का लाइव वीडियो देख सकेंगे। दिल्ली प्रयागराज आदि कंट्रोल रूम में बैठे इंजीनियर राहत पहुंचाने वाले अधिकारियों की मदद भी कर सकेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 12:54 PM (IST)
दुर्घटना राहत ट्रेन Live Video Transmission System से होगी लैस, कंट्रोल से अधिकारी राहत दल की कर सकेंगे मदद
दुर्घटना राहत ट्रेनों को राहत व रेस्टोरेशन उपायों की निगरानी के लिए वी-सैट से लैस किया जाएगा।

मीरजापुर [सतीश रघुवंशी]। देश के किसी भी हिस्से में ट्रेन दुर्घटना होने पर राहत कार्यो के लिए नेटवर्क की समस्या नहीं आएगी। अधिकारी कहीं भी बैठकर वहां की स्थिति का लाइव वीडियो देख सकेंगे। दिल्ली, प्रयागराज आदि कंट्रोल रूम में बैठे इंजीनियर राहत पहुंचाने वाले अधिकारियों की मदद भी कर सकेंगे। इसके लिए दुर्घटना राहत ट्रेनों को राहत व रेस्टोरेशन उपायों की निगरानी के लिए वी-सैट (वेरी स्माल अपर्चर टर्मिनल)  से लैस किया जाएगा। इससे दुर्घटना स्थल पर नेवटर्क के चलते बात करने या वहां की स्थिति से बताने में कोई परेशानी नहीं आएगी। इस तरह उत्तर -मध्य रेलवे सेलुलर नेटवर्क के क्षेत्र में बड़ा आयाम हासिल करेगा। इसका उपयोग कर मोबाइल डिवाइस से नियंत्रण कक्ष से विभिन्न साइटों की लाइव निगरानी के लिए उपलब्ध विकल्प तलाशने के लिए उत्तर-मध्य रेलवे के आइटी सेल व प्रयागराज मंडल को निर्देश दिया गया है। यह प्रणाली रेलवे पर किए जा रहे विभिन्न कार्यों की निगरानी के साथ बेहतर संसाधन व पूर्वानुमान में भी सहायक होगी।

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सेटेलाइट सिस्टम से गाडिय़ों को जोडऩे से होगा फायदा

दुर्घटना राहत गाडिय़ों को वी-सैट सिस्टम से जोडऩे के बाद किसी भी क्षेत्र के कंट्रोल में दुर्घटना का लाइव वीडियो देखने में नेटवर्क की समस्या नहीं होगी। ट्रेनों को सेटलाइट सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा।

दुर्घटना राहत गाडिय़ों को वीसैट से जोडऩे के लिए कहा गया है

दुर्घटना राहत गाडिय़ों को वीसैट से जोडऩे के लिए कहा गया है जिससे कहीं भी दुर्घटना होने पर वहां की स्थिति देखने संग अधिकारियों से हमेशा संपर्क में रहा जा सके। इससे बचाव कार्य में तेजी आएगी।

- राजीव चौधरी, महाप्रबंधक, उत्तर-मध्य रेलवे।


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