20 लाख लगा कर हुई थी पीएम के नाम पर फर्जी ट्रस्ट की स्थापना, करोड़ों रुपये कमाने की थी मंशा
तीन आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि पुलिस ने ट्रस्ट के सात अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए टीम गठित कर दी है। फर्जी ट्रस्ट बनाने के दस दिनों बाद ही 24 जुलाई को ट्रस्ट के लेटर हेड पर डीएम को पत्र लिखा गया।
वाराणसी, जेएनएन। एक झटके में करोड़ों रुपये कमा लेने की मंशा से फर्जी ट्रस्ट बनाने के मामले का पर्दाफाश हो गया है। 20 लाख रुपये लगाकर 'आदर्श नरेंद्र दामोदर दास मोदी जन कल्याणकारी ट्रस्ट' बनाया गया था। 14 जुलाई को ट्रस्ट के पंजीकरण के दौरान एक लाख रुपये में आजीवन व 11 सौ रुपये में साधारण सदस्य बनाने की कीमत तय कर दी गई थी। तीन आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि पुलिस ने ट्रस्ट के सात अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए टीम गठित कर दी है। फर्जी ट्रस्ट बनाने के दस दिनों बाद ही 24 जुलाई को ट्रस्ट के लेटर हेड पर डीएम को पत्र लिखा गया।
पत्र का संज्ञान न लेने पर 27 जुलाई को आइजीआरएस पर जिला प्रशासन की शिकायत की गई। 29 अक्टूबर को डीएम के नाम से फिर पत्र लिख कर तत्काल भूखंड आवंटन करने और अनुदान दिलाने के लिए राज्य व केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजने को कहा गया। इसके बाद डीएम ने जांच की तो पता चला कि पीएम के नाम पर भेलूपुर के कबीर नगर स्थित दयाल टावर के अजय पांडेय ने फर्जी दस्तावेज से ट्रस्ट की स्थापना की है। आरोपित ने ट्रस्ट के नाम पर पीएमओ को पत्र लिखकर एक हजार करोड़ रुपये की मांग भी कर डाली। पुलिस ने इसके बाद ही अजय पांडेय, रवींद्रनाथ पांडेय व शहबाज खान को गिरफ्तार कर लिया। प्रिया श्रीवास्तव, अनिल, रंजीता सिंह, अविनाश सिंह, प्रदीप कुमार सिंह, सोनू कुमार गुप्ता व विकास मिश्रा भी इसके सदस्य हैं जो फरार हैं। पुलिस आरोपितों को पकड़ने के लिए छापामारी कर रही है।
मोदी इंटरनेशनल माइक्रो बैंक के नाम पर भी छलावा : आरोपित ने अपने प्रपोजल में देश व विदेश में मोदी इंटरनेशनल माइक्रो फाइनेंस बैंक की स्थापना दर्शाकर करोड़ों रुपये ऐंठने की योजना बनाई थी। मंशा विश्व बैंक व अन्य मंत्रालयों से राशि हड़पने की भी थी। मोदी रिजर्व सिक्योरिटी फोर्स की स्थापना व संचालन को भी प्रपोजल में शामिल किया गया था। उसकी नजर खनन परती बंजर भूमि पर भी थी। कोशिश थी कि गरीब असहाय दिव्यांग एवं सभी वर्गो को सरकारी योजनाओं से आवास उपलब्ध कराने के नाम पर अधिक से अधिक जमीन हड़पी जाए।
यह रखा था उद्देश्य : आरोपित ने स्कूल-कालेज, पुस्तकालय, चिकित्सालय, अनाथालय, वृद्धाश्रम, अनुसंधान केंद्र, छात्रावास, कंप्यूटर केंद्र समेत कई योजनाओं को अपने उद्देश्य में रखा था। यही नहीं, ग्राम विकास अभिकरण की गतिविधियों को संचालित करना भी था। वर्जन फर्जी ट्रस्ट के मामले में सात आरोपित अभी फरार हैं। उन्हें पकड़ने के लिए टीम गठित कर दी गई है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। - अमित पाठक, एसएसपी, वाराणसी