Green Boat In Varanasi : वाराणसी में गंगा नदी में 800 'ग्रीन बोट' सीएनजी से होंगी संचालित
डीजल का रिसाव होता रहता है जो गंगा के ईको सिस्टम को नुक्सान पहुंचा रहा है। डीज़ल का धुआं भी घाटों पर वायु प्रदूषण फैला रहा है ठंड के कारण धुआं नीचे ही हवा में तैरता रहता है जो सीधे तौर पर लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि वाराणसी में गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा भी इस परय निगरानी की जाती है। उन्होंने कहा कि गंगा नदी में 1800 नावें हैं जिनको चरणबद्ध तरीके से सीएनजी में कन्वर्ट किया जायेगा और ये बोट ग्रीन बोट कहलायेंगी, इनमें सीएनजी गैस भरने के लिए घाट पर ही गेल के द्वारा फिलिंग स्टेशन भी स्थापित किया जायेगा।
इस समय घाटों पर जो डीज़ल चालित नावें हैं उनसे कुछ न कुछ डीजल का रिसाव होता रहता है जो गंगा के ईको सिस्टम को नुक्सान पहुंचा रहा है। डीज़ल का धुआं भी घाटों पर वायु प्रदूषण फैला रहा है, ठंड के कारण धुआं नीचे ही हवा में तैरता रहता है जो सीधे तौर पर लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। सीएनजी में परिवर्तन का कार्य आने वाले एक दो महीनों में चालू कर दिया जायेगा आगामी वर्ष में 500 बोट्स को कनवर्ट करने का लक्ष्य रखा गया है इसी प्रकार आगे अवशेष सभी नावों को सीएनजी में कन्वर्ट किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि खिड़किया घाट का डेवलपमेंट प्लान एक साल का है आने वाले तीन चार महीने में सीएनजी स्टेशन चालू हो जाएगा तभी नावों का कनवर्जन का कार्य भी शुरू होगा। इस योजना का फायदा नाविकों को तो होगा ही घाटों पर आने वाले सैलानियों को स्वस्थ्य पर्यावरण मिलेगा और पूरे शहर को इसका फायदा होगा।