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एक अक्टूबर से लावारिस हो जाएंगे 79 गांव, नोटिफिकेशन तक जारी नहीं किया वाराणसी नगर निगम ने

अनियोजित विकास से हालात ऐसे हो गए हैं कि अब तक खेत रहा न खलिहान और न ही मिला 79 गांवों को शहर का मान। नगर निगम प्रशासन द्वारा चतुर्दिक सीमा विस्तार का प्रस्ताव चार साल पहले ही सदन में पास करने के बाद शासन को भेज दिया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 07:10 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 09:11 AM (IST)
एक अक्टूबर से लावारिस हो जाएंगे 79 गांव, नोटिफिकेशन तक जारी नहीं किया वाराणसी नगर निगम ने
30 तारीख के बाद वाराणसी के 79 गांव लावारिस हो जाएंगे।

वाराणसी, जेएनएन। अजब विडंबना है शहरी सीमा से सटे गांवों का। अनियोजित विकास से हालात ऐसे हो गए हैं कि अब तक खेत रहा न खलिहान और न ही मिला 79 गांवों को शहर का मान। नगर निगम प्रशासन द्वारा चतुर्दिक सीमा विस्तार का प्रस्ताव चार साल पहले ही मिनी सदन में पास करने के बाद शासन को भेज दिया गया है। कैबिनेट की हरी झंडी भी मिल गई, लेकिन अब तक नगर निगम प्रशासन ने इस बाबत कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। हालात ऐसे हो गए हैं कि 30 तारीख के बाद ये गांव लावारिस हो जाएंगे।

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ग्राम पंचायत स्तर से सभी कार्यों को पूर्ण कराकर मुक्त कर दिया जाएगा, जबकि नगर निगम ने कोई विधिक कार्यवाही नहीं की है जिससे उन गांवों को शहरी सीमा में मानकर उनकी मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा सके तो समस्याओं के निदान के लिए जवाबदेह बने। जन्म प्रमाण पत्र से लेकर कई ऐसे अहम कागजात भी निर्गत होने में समस्या  होगी जो अब तक ग्राम पंचायतों से होते रहे हैं। वहीं, नगर निगम तब तक यह कार्यवाही शुरू करेगा जब तक राज्यपाल के सत्यापन के बाद गांवों को शहरी मानते हुए गजट न करा दिया जाए। वर्तमान में नगर निगम प्रशासन की ओर से हुई कवायद के अनुसार मार्च माह में ही शासन के माध्यम से सत्यापन के लिए पत्र राज्यपाल को भेजा गया था। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए आशंका है कि सत्यापित पत्र मिलने में देर हो रही है।

नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अब तक सत्यापन पत्र नहीं मिला

नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अब तक सत्यापन पत्र नहीं मिला है। नोटिफिकेशन जारी होते ही नगर निगम प्रशासन गांवों में मूलभूत सुविधाओं का विकास शुरू कर देगा।

-देवीदयाल वर्मा, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम, वाराणसी

चतुर्दिक शहरी सीमा में शामिल गांव

पूरब सीमा के गांव : हिरामनपुर, संदहा, रुस्तमपुर, तिलमापुर, आशापुर, लेढ़ूपुर, रसूलपुर, रघुनाथपुर, दीनापुर, सलारपुर, खालिसपुर, कोटवां, सरायमोहाना, डोमरी व सूजाबाद आदि।

पश्चिम सीमा के गांव : चूरामनपुर, ककरमत्ता, मड़ौली, जलालीपट्टी, पहाड़ी, गनेशपुर, कंचनपुर, भिखारीपुर कला, भिखारीपुर खुर्द, चांदपुर, महेशपुर, शिवदासपुर, तुलसीपुर, मंडुआडीह, लहरतारा, फुलवरिया, बड़ागांव अव्वल व नाथूपुर आदि।

उत्तरी सीमा के गांव : गणेशपुर, तरना, हटिया, छतरीपुर, चुप्पेपुर, होलापुर, परमानंदपुर, लोढ़ान, बांसदेवपुर, अहमदपुर, हरिहरपुर, सरसवां, कानूडीह, दांदूपुर, ऐढ़े, हरबल्लमपुर, बनवारीपुर, लमही, मड़वां, रसूलपुर, सोएपुर, रमदत्तपुर, गोइठहां, रजनहिया, हृदयपुर, हसनपुर, ङ्क्षसहपुर, मुंगदरपुर, खजुही, फरीदपुर, बकसड़ा, खरगपुर व मझमिठिया आदि।

दक्षिणी सीमा के गांव : भगवानपुर, डाफी, छित्तूपुर, सुसुवाही, चितईपुर, अवलेशपुर, करौंदी, सीरगोवर्धनपुर, नासिरपुर, नुआंव, कंदवा व पोंगलपुर आदि।

एक नजर में शहरी क्षेत्र

1550 वर्ग किमी क्षेत्रफल

80.71 मीटर ऊंचाई

20 लाख जनसंख्या


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