69000 Assistant teacher recruitment वेरीफिकेशन में अंकों का रोड़ा, महाराजगंज में काउंसिलिंग प्रक्रिया से बाहर हुए बीएचयू के छात्र
बीएचयू से बीएड करने वाले छात्रों के समक्ष दोहरी समस्या खड़ी है। एक तरफ 69000 शिक्षकों की भर्ती पर स्टे लगा है वहीं महाराजगंज में काउंसिलिंग प्रक्रिया से उन्हें बाहर कर दिया गया।
वाराणसी, जेएनएन। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले छात्रों के समक्ष दोहरी समस्या खड़ी है। फिलहाल प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती पर स्टे लगा है। मगर इससे पूर्व महाराजगंज में बीएचयू से बीएड करने वालों को काउंसिलिंग प्रक्रिया से इसलिए बाहर कर दिया गया कि उनके सीजीपीए, थ्योरी और प्रैक्टिल मार्क्स और आवेदन में भरे गए अंकों में अंतर था। इस संदर्भ में अभ्यर्थियों ने कुलपति, रजिस्ट्रार व परीक्षा नियंता को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
अमित कुमार सिंह दृटिबाधित दिव्यांगता की श्रेणी से हैं, जिन्होंने सत्र 2010-11 में बीएचयू से अपना बीएड पूरा किया था। अमित के मुताबिक तीन जून को प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए उनकी काउंसिलिंग जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान महाराजगंज में होना था। मगर वहां उनके बीएड के एकुमुलेट रिजल्ट, थ्योरी के अंक और प्रैक्टिकल मार्क्स के वेरीफिकेशन को लेकर काउंसिलिंग करने से मना कर दिया गया।
छात्रों को सुझाव दिया गया कि बीएचयू प्रशासन को न केवल इस पूरे मामले से अवगत कराया जाए, बल्कि बीएचयू एवं सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी-उत्त प्रदेश से इस संदर्भ में विचार-विमर्श के बाद समाधान सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सहित बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करे। तभी बीएचयू के छात्रों की काउंसिलिंग संभव होगी। अन्यथा अंकपत्र के वेरीफिकेशन को छात्रों की मानवीय त्रुटि मानी जाएगी।अमित के साथ ही मया शंकर यादव, प्रदीप कुमार वर्मा, सुनील कुमार पटेल, दिवेश कुमार, गंगेश कुमार यादव व धर्मेंद्र प्रकाश ने पत्र लिखकर विवि प्रशासन से मामले का जल्द समाधान करने की गुहार लगाई है, ताकि सत्र 2010-11 व उसके बाद के सत्र के छात्रों का अहित न होने पाए।
वहीं विवि प्रशासन का कहना है कि छात्रहितों का ध्यान रखते हुए विवि नियमावली के मुताबिक मामले का समाधान तलाशा जा रहा है। बीएचयू के परीक्षा नियंता मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में काउंसिलिंग के दौरान ग्रेडिंग सिस्टम को लेकर दिक्कत की बात संज्ञान में है। इस संदर्भ में आवश्यक्ता पत्राचार किया जा रहा है। हमारे यहां ग्रेडिंग सिस्टम है। विवि अधिनियम के मुताबिक माक्र्स का जो फार्मूला है उसे मानना चाहिए।
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