बनारस के 32 स्थानों पर रहता है रोमियो का जमावड़ा, 64 हजार मनचले पुलिस के रडार पर Varanasi news
सिगरा क्षेत्र में रहने वाला अंशु दोपहर बाद जब घर पहुंचा तो माता-पिता से लेकर बहन तक दरवाजे पर खड़े होकर इंतजार कर रही थीं।
वाराणसी, जेएनएन। सिगरा क्षेत्र में रहने वाला अंशु दोपहर बाद जब घर पहुंचा तो माता-पिता से लेकर बहन तक दरवाजे पर खड़े होकर इंतजार कर रही थीं। सामने आते ही सभी ने सवाल दागा कि कहां से आ रहे हो, क्या कर रहे थे। अंशु ने जैसे ही बताया कि अपने दोस्तों के साथ ग्रुप स्टडी कर रहा था, पिता का हाथ अंशु के गालों पर छप चुका था क्योंकि पुलिस उनके बेटे की करतूत घर आकर बता चुकी थी। अंशु ग्रुप स्टडी की बात कहकर शहर के एक मॉल में लड़कियों से छेड़खानी करते पकड़ा गया था।
पुलिस ने उसे चेतावनी देने के साथ ही उसका नाम-पता और मोबाइल रजिस्टर में दर्ज करने के बाद उसके घर वालों को जानकारी दे दी थी कि उनका लाडला कैसे दूसरे की बेटियों की इज्जत से सरेराह खिलवाड़ करता है। योगी सरकार ने सत्ता में आने के साथ ही एंटी रोमियो स्क्वाएड का गठन करते हुए शोहदों के खिलाफ कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए थे। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि एंटी रोमियो स्क्वाएड की टीम प्रतिदिन स्कूल-कालेज और प्राइवेट कंपनियां, जहां काम करने वाली युवतियों की संख्या अधिक होती है के साथ ही सरकारी दफ्तरों पर समय-समय एंटी रोमियो स्क्वाएड की टीम पहुंचकर जागरूकता अभियान चला रही है।
घर पर पहुंचती शिकायत तो रहता है भय- सार्वजनिक स्थानों पर छेड़खानी, फब्तियां कसने वाले शोहदों की पहचान के बाद उनके नाम-पते रजिस्टर में दर्ज किए जाते हैं। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि यदि चेतावनी के बाद भी कोई भी शोहदा दोबारा छेड़खानी या सार्वजनिक स्थानों पर लड़कियों से दुर्व्यवहार करते पाया जाता है कि तो उनके परिजनों से संपर्क करके उनके बेटों की करतूत बताई जाती है। दो बार चेतावनी के बाद भी जिन लोगों में सुधार नहीं होता, उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा कायम कर जेल भेज दिया जाता है।
स्कूल-दफ्तर के बाहर नीले बाक्स- छात्राएं और दफ्तरों में काम करने वाली युवतियां अक्सर अपने संस्थान में ही यौन शोषण का शिकार होती हैं। वे थाने आने से डरती हैं। पुलिस और परिजनों को लोकलाज के भय से कुछ भी नहीं बता पाती। वाराणसी पुलिस ने नगर के सभी स्कूल-कालेजों के साथ ही अधिकतर प्राईवेट संस्थानों से लेकर लेकर अस्पताल तक उनके प्रवेश द्वार पर एक नीले रंग का लेटर बाक्स लगवाया है। एसएसपी ने बताया कि इस लेटर बाक्स की चाभी भी लोकल पुलिस के पास है। युवतियों के साथ कुछ गलत हो रहा तो वह बिना डरे अपनी बात पत्र के माध्यम से पुलिस तक लेटर बाक्स के जरिए पहुंचा सकती हैं। उनकी पहचान गोपनीय रहेगी।
32 स्थानों पर रहता है रोमियो का जमावड़ा - संत रविदास पार्क, लंका, शहीद उद्यान पार्क समेत एंटी रोमियो स्क्वाएड ने लगभग 32 स्थान ऐसे चिन्हित किए हैं जहां पर छेड़खानी की सबसे अधिक घटनाएं होती है।
पाक्सो में सजा दिलाने को हो रही प्रभावी पैरवी - पाक्सो यानि प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन सेक्सुअल आफेंस एक्ट। एक ऐसा कानून जिसे बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न और यौन शोषण, पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों को रोकने लिए बनाया गया था। वाराणसी में पाक्सो एक्ट में आरोपितों को सजा दिलाने की कमान एसएसपी ने इन दिनों संभाल ली है। कुल 91 मुकदमों में प्रभावी पैरवी के लिए आदेश देने के साथ ही उसकी नियमित मानीटरिंग हो रही। एसएसपी ने स्वयं पांच केस में आरोपितों के खिलाफ पैरवी कर रहे हैं। पुलिस की कोशिश है कि पाक्सो एक्ट में दर्ज केस में गवाहों को न्यायालय तक तय तारीख में हर हाल में लाया जाए ताकि पीड़िता को जल्द से जल्द इंसाफ मिले।
एंटी रोमियो स्क्वाएड से प्रतिदिन दिनभर की कार्रवाई की रिपोर्ट ली जाती है। एंटी रोमियो स्क्वाएड की सक्रियता के चलते स्कूली छात्राओं, दफ्तरों में काम करने वाली युवतियों के साथ छेड़खानी की घटनाएं कम हुई है। सार्वजनिक स्थानों पर सुबह-शाम पुलिस की टीम नजर बनाए रखती है। आनंद कुलकर्णी, एसएसपी