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रामनगर के राल्हूपुर में 100 एकड़ क्षेत्रफल में बसाए जा रहे फ्रेट विलेज का 'थ्री-डी मॉडल' जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा जल परिवहन के तहत प्रस्तावित फ्रेट विलेज को विश्व बैंक की सहमति के बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय व नीति आयोग ने भी सहमति दी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 01:24 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 01:24 PM (IST)
रामनगर के राल्हूपुर में 100 एकड़ क्षेत्रफल में बसाए जा रहे फ्रेट विलेज का 'थ्री-डी मॉडल' जारी

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा जल परिवहन के तहत प्रस्तावित फ्रेट विलेज को विश्व बैंक की सहमति के बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय व नीति आयोग ने भी सहमति दी है। इनलैंड वाटर हाईवे-वन (बनारस से हल्दिया) के प्रमुख सेंटर वाराणसी में देश का पहला फ्रेट विलेज बनाया जा रहा है। इसका थ्री-डी मॉडल जारी किया गया है।

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मॉडल के अनुसार प्रस्तावित फ्रेट विलेज में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग, रैपिंग, कारगो स्टोरेज, रोड ट्रांसपोर्ट सर्विस के अलावा शहरी जीवन की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके बनने से बड़े कारोबारियों के अलावा वाराणसी समेत पूर्वांचल के छोटे कारोबारी भी अपना माल यहां सुरक्षित स्टोर कर देश के दूसरे हिस्से में भेज व मंगा सकेंगे। फ्रेट विलेज के आकार लेने पर गंगा के पूर्वी छोर पर एक नया शहर बसेगा तो जनसंख्या नियोजन का बड़ा साधन होगा। करीब 20 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। फ्रेट विलेज से बनारस समेत पूर्वांचल के किसानों की आय भी दोगुनी होगी।  क्योंकि उनके उत्पाद कोलकाता, मुंबई, दिल्ली समेत अन्य महानगरों आसानी से तक पहुंचना संभव होगा। 

रेल, सड़क व जल मार्ग से जुड़ेगा

फ्रेट विलेज 3000 करोड़ की लागत से 100 एकड़ एरिया में विकसित किया जा रहा है। इसे रामनगर के राल्हूपुर में बने मल्टी मॉडल टर्मिनल (बनारस टर्मिनल) को केंद्र में रखकर बनाया जा रहा है। इस फ्रेट विलेज को गंगा जलमार्ग एक के जल परिवहन से जोडऩे के साथ ही सड़क व रेल मार्ग से भी जोड़ा जाएगा। 

चंदौली व मीरजापुर के किसान नाराज

जल परिवहन टर्मिनल शुरू होने पर फ्रेट विलेज प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने के लिए आइडब्ल्यूएआइ ने कवायद तेज कर दी है। 100 एकड़ जमीन के लिए वाराणसी, चंदौली व मीरजापुर के जिला प्रशासन के अफसरों से वार्ता हो रही है। बनारस के 15 से अधिक किसानों ने जमीन दे दी है। वहीं चंदौली व मीरजापुर के किसान सर्किल रेट को लेकर नाराज हैं। 

फ्रेट विलेज में हुए हैं ये कार्य 

-प्रशासनिक भवन।

-बिजली घर।

-एनएच-7 से बंदरगाह तक का रास्ता व नाले पर पुल।

-बंदरगाह का 90 फीसद प्लेटफार्म।


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