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Varanasi में 35 आंगनबाड़ी केंद्रों का अब अपना होगा भवन, प्रस्ताव शासन को भेजा गया

वाराणसी जिले के 35 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खुशखबरी है। इस वित्तीय वर्ष में 35 केंद्रों के पास अपना भवन होगा। शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस माह के अंत तक इसकी स्वीकृति शासन से मिल जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 08:30 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 02:17 PM (IST)
Varanasi में 35 आंगनबाड़ी केंद्रों का अब अपना होगा भवन, प्रस्ताव शासन को भेजा गया
वाराणसी जिले के 35 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खुशखबरी है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। जिले के 35 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खुशखबरी है। इस वित्तीय वर्ष में 35 केंद्रों के पास अपना भवन होगा। शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस माह के अंत तक इसकी स्वीकृति शासन से मिल जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भवन निर्माण पर जोर दिया था। बताया जा रहा है कि इसी परिप्रेक्ष्य में यह प्रस्ताव भेजा गया है। जिले में वैसे भी लगभग 50 फीसद से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र पंचायत भवन या बेसिक शिक्षा विभाग के परिसर में ही संचालित होते हैं।

ब्लाक आराजीलाइन व सेवापुरी में सर्वाधिक केंद्र का निर्माण

महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से ब्लाक काशी विद्यापीठ में तीन, ब्लाक आराजीलाइन में सात, बड़ागांव में पांच, पिंडरा में छह, हरहुआ में सबसे कम एक, सेवापुरी में सात, चोलापुर में तीन व चिरईगांव ब्लाक में तीन आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

जिले में 3914 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित

जिले में इस समय 3914 आंबनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। गर्भवती महिलाएं व छोटे बच्चे नियमित इन केंद्रों पर आ रहे हैं। नीति आयोग के दिशा निर्देश तहत सेवापुरी ब्लाक के लगभग सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को माडल बनाया जा चुका है। कई केंद्रों के पास पोषण वाटिका है तो वहीं बच्चों के अध्ययन के लिए स्मार्ट क्लासेज जैसी व्यवस्था भी। महिलाओं व बच्चों को पोषण भी बांटा जा रहा है।

किराए का भवन बना आफत

जिले के 938 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ केंद्रों को खाली करने के लिए मालिक की ओर से दबाव बनाया जा रहा है। कहासुनी भी हो रही है।

मिनी सचिवालय में अड़ंगा

जिले के सभी पंचायत भवन को मिनी सचिवालय की तर्ज पर सजाया संवारा जा रहा है। ऐसे में आगंनबाड़ी केंद्रों पर भवन खाली करने के दबाव बन रहे हैं। हालांकि किसी को हटाने का अल्टीमेटम नहीं दिया गया है पर यह माना जा रहा है कि आगे केंद्रों को अन्यत्र सिफ्ट करना होगा।


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