गोपालपुर सोसायटी की 212 बीघा जमीन हुई सरकार की, तत्कालीन नायब तहसीलदार पर निलंबन की कार्रवाई तय
सोनभद्र की घटना के बाद हो रही जांच में परत दर परत जमीनों के जो चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं उससे अधिकारियों व उसमें सम्मिलित राजस्व कर्मियों की मुश्किलें और भी बढ़ती जा रही हैं।
मीरजापुर, जेएनएन। सोनभद्र की घटना के बाद हो रही जांच में परत दर परत जमीनों के जो चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं उससे अधिकारियों व उसमें सम्मिलित राजस्व कर्मियों की मुश्किलें और भी बढ़ती जा रही हैं। गोपलपुर संयुक्त सहकारी समिति की 212 बीघा जमीन शासन के निर्देश पर अब प्रदेश सरकार के खाते में दर्ज हो चुकी है। यह आदेश मड़िहान के तहसीलदार कर्मेंद्र कुमार के द्वारा दिया गया है।
सोनभद्र के उभ्भा गांव में हुए नरसंहार के बाद मीरजापुर और सोनभद्र में जमीनों के हुए बंदरबांट को लेकर मुख्यमंत्री के आदेश पर अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन हुआ। तीन महीने तक जांच चली जिसमें यह पाया गया कि गोपलपुर में विंध्याचल एटीवो फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कोलकाता के द्वारा बिना किसी शासन से परमिशन के ही 212 एकड़ से अधिक भूमि का बैनामा करा लिया था जबकि नियम यह है कि यदि 12 एकड़ से अधिक भूमि का बैनामा कोई भी व्यक्ति या संस्था लेगी तो इसके लिए उसको शासन से अनुमति भी प्राप्त करना होगा। हालांकि इन सब नियमों को दरकिनार करते हुए कंपनी ने बैनामा ले लिया और तत्कालीन नायब तहसीलदार के द्वारा 2016 में जमीन का मालिकाना हक भी कंपनी को दे दिया गया। अब इस मामले में निलंबन की कार्रवाई तत्कालीन नायब तहसीलदार पर तो तय है। कंपनी के द्वारा इस जमीन पर फलों की खेती कराई जा रही थी जिसमें कुल 24 गाटों में यह क्षेत्रफल फैला हुआ था। तहसीलदार ने राजस्व संहिता की धारा 89 की उप धारा तीन के तहत यह माना कि यह नियमों का उल्लंघन हुआ है।