39 जीटीसी में 18 वीर नारियां सम्मानित
वाराणसी : भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की 18 वीर नारियों का गुरुवार को छावनी क्षे˜
वाराणसी : भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की 18 वीर नारियों का गुरुवार को छावनी क्षेत्र स्थित 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर के परेड ग्राउंड में सम्मान हुआ। मौका था 9 जीआर गोरखा राइफल्स के गठन के 200 साल पूरे होने का।
समीक्षा अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट ने परेड की सलामी लेने के बाद जवानों व वीर नारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 9 जीआर का गौरवमयी इतिहास व सैनिकों के बलिदान को याद करने का आज अच्छा अवसर है। कहा कि देश की सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले वीर सपूतों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। बाद में शहीद स्मारक पर वर्तमान व निवर्तमान सैन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एमके लहरी की पत्नी कृष्णा लहरी ने 18 वीर नारियों का अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।
अश्व दल ने मोहा मन : कार्यक्रम के समापन के बाद 32 की संख्या में श्वेत अश्व दल के सदस्यों ने एक से बढ़कर एक करतब दिखाया। मोटर साइकिल के जरिए मैदान का चक्कर लगाया और इस गौरवमय अवसर के लिए सभी को शुभकामनाएं दीं। वहीं दोपहर में सम्मेलन भी हुआ। संचालन सूबेदार रवि कुमार मिश्रा व दुर्गा मल्ल ने किया।
वीर नारियां बोलीं
शहीद की पत्नी नमकला बिस्नेत ने बताया कि मेरे दो बच्चे हैं। जैसे ही कोई कहता है कि दोनों शहीद के बेटे हैं तो यह सुनकर काफी अच्छा लगता है। मेरे पति सूबेदार बहादुर बिस्नेत पाकिस्तान सीमा पर तैनात थे। 2007 में वे शहीद हो गए थे।
सुमित्रा थापा कहती हैं कि पति की शहादत पर गर्व है। मेरे पति यम बहादुर थापा सियाचीन में तैनात थे। सन 2000 में वह शहीद हो गए थे। लेकिन मुझे फक्र है कि वह देश की रक्षा के लिए शहीद हुए।
सुमित्रा ने बताया कि 1971 में पाक के साथ हुए युद्ध में लाम सेक्टर में मेरे पति हवलदार पूर्ण बहादुर शहीद हो गए। शहादत के बाद मैंने तय किया कि एक बेटे को सेना में जरूर भेजूंगी। मेरा बेटा भी सेना में है।