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फर्जीवाड़ा : आजमगढ़ के 16 निजी आइटीआइ होगी ब्लैक लिस्टेड, निदेशालय में जमा की गई थी फर्जी बैंक गारंटी

निदेशालय की जांच में आजमगढ़ के 16 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) के फर्जीवाड़ा प्रकरण में अब नया मोड़ आ गया है। मान्यता लेने के लिए संस्थान प्रबंधकों की तरफ से लगाई गई गारंटी फर्जी पाई गई। मुख्यमंत्री के पोर्टल पर 59 आइटीआइ की शिकायत दर्ज कराई गई थी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 08:10 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 09:32 AM (IST)
आजमगढ़ के 16 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) के फर्जीवाड़ा प्रकरण में अब नया मोड़ आ गया है।

आजमगढ़, जेएनएन। निदेशालय की जांच में जिले के 16 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) के फर्जीवाड़ा प्रकरण में अब नया मोड़ आ गया है। मान्यता लेने के लिए संस्थान प्रबंधकों की तरफ से लगाई गई गारंटी फर्जी पाई गई। अपर निदेशक प्रशिक्षण के निर्देश पर नोडल अधिकारी प्रधानाचार्य राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हर्रा की चुंगी ने संबंधित संस्थान संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी, लेकिन थानों से सरकारी मामला बताते हुए तहरीर वापस कर दी गई। बताया गया कि एसपी के आदेश पर मुकदर्मा दर्ज किया जाएगा। अब संबंधित आइटीआइ संस्थानों को ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही एसपी से मिलकर मुकदमा दर्ज कराने और पिछड़ा, अल्पसंख्यक और जिला समाज कल्याण विभाग को शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति ने भेजने के लिए पत्र प्रेषित करने की कवायद शुरू हो गई है।

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मुख्यमंत्री के पोर्टल पर प्रदेश के 59 आइटीआइ की शिकायत दर्ज कराई गई थी। मामले में प्रथम चरण की जांच में 213 में 61 में गड़बड़ी पाई गई। जिसमें आजमगढ़ के 16 संस्थान शामिल हैं। जिन्होंने फर्जी बैंक गारंटी जमा की है। निजी आइटीआइ को 20 छात्रों की एक यूनिट(समूह) पर 50 हजार रुपये की बैंक गारंटी देनी होती है। ट्रेड के अनुसार विद्यार्थियों की संख्या घटती-बढ़ती रहती है। एक संस्थान दो ट्रेड में कम से कम चार यूनिट की मान्यता लेता है। जिसमें दो लाख रुपये की बैंक गारंटी देनी पड़ती है। बैंक से जारी प्रमाण पत्र जमा करना पडता है। व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी मिलने पर संबंधित बैंकों की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।

अपर निदेशक प्रशिक्षण के निर्देश पर कर्मचारियों से संबंधित संस्थानों की जांच कराई गई थी

अपर निदेशक प्रशिक्षण के निर्देश पर कर्मचारियों से संबंधित संस्थानों की जांच कराई गई थी, जिसमें 16 निजी आइटीआइ के संबंध में बैंकों से फर्जी गारंटी पत्र होने की रिपोर्ट दी गई। बताया गया कि उनके यहां से जारी नहीं है। संस्थानों के खिलाफ एफआइआर के लिए संंबंधित थानों में तहरीर दी गई थी, लेकिन एसपी से आदेश लेने की बात कहकर वापस कर दी गई। ब्लैक लिस्ट करने के लिए डीएम व सीडीओ से बात की जाएगी। एसपी से मुकदमें के लिए मिलेंगे। छात्रवृत्ति शुल्क प्रतिपूर्ति न भेजने के लिए संबंधित विभागों को पत्र प्रेषित किया जाएगा।

--अशोक कुशवाहा, नोडल प्रधानाचार्य, राजकीय आइटीआइ हर्रा की चुंगी।


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