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जेब में धन फिर भी मार रहे मन

वाराणसी : जेब में धन तो बहुत है लेकिन फुटकर की किल्लत के कारण लोगों को अपनी इच्छा दबानी पड़ रही है। क

By Edited By: Published: Fri, 02 Dec 2016 01:55 AM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 01:55 AM (IST)
जेब में धन फिर भी मार रहे मन

वाराणसी : जेब में धन तो बहुत है लेकिन फुटकर की किल्लत के कारण लोगों को अपनी इच्छा दबानी पड़ रही है। कारण कि अभी कुछ ही स्थानों पर कैशलेस की व्यवस्था हो सकी है। रेस्टोरेंट और भोजनालयों का भी यही हाल है। नतीजा नोटबंदी की विकट समस्या में लोगों ने खाने-पीने के लिए भी नई तरकीब ईजाद की है।

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होटलों व रेस्टोरेंट में जहां पहले चिली पनीर, शाही पनीर, पनीर बटर मसाला, पनीर दो प्याजा व पनीर मखाना के साथ दाल फ्राई को लोग तरजीह देते थे, अब वे सादा थाली की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इस तरकीब से एक थाली में दो लोग आसानी से भोजन भी कर ले रहे हैं। मजे की बात यह है कि जितना पैसा एक थाली चिली पनीर के लिए लोग खर्च करते थे, उतने पैसे में लोग भरपेट भोजन भी कर रहे हैं।

नोटबंदी में फुटकर की समस्या से हर लोग परेशान है। ऐसे में चाहे व्यापार हो या फिर नाश्ता-पानी हो, इनके पीछे भी लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे में तमाम होटलों व रेस्टोरेंट के प्रबंधकों ने भी कम पैसे में दाल, चावल, रोटी, सब्जी की उपलब्धता की तरकीब निकाली है। एक रेस्टोरेंट के संचालक अभिषेक जायसवाल ने बताया कि इन दिनों लोगों का झुकाव सादा थाली की ओर दिख रहा है। इसमें रोटी, दो सब्जी, दाल, चावल, मटर पनीर, रायता, पापड़ व सलाद महज 120 रुपये में उपलब्ध हो जा रहा है। इसके विपरित चिली पनीर व पनीर मखाना ज्यादा महंगा भी है और फुटकर की समस्या में लोग इस ओर ध्यान भी कम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद से सादा थाली में लोगों की ज्यादा रुचि देखी जा रही है।


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