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आजमगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय परिसर तक बनेगी 150 मीटर फोर लेन शानदार सड़क

आजमगढ़ जिले में तहसील सदर के चंडेश्वर-कम्हरिया मार्ग पर स्थित ग्राम असपालपुर आजमबांध में 550 करोड़ से बनने वाले आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय की प्रक्रिया में तेजी आ गई है। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग खंड-5 ने बजट मंजूरी के लिए शासन को आगणन भेज दिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 06:30 AM (IST)
आजमबांध में 550 करोड़ से बनने वाले आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय की प्रक्रिया में तेजी आ गई है।

आजमगढ़, जेएनएन। जिले में तहसील सदर के चंडेश्वर-कम्हरिया मार्ग पर स्थित ग्राम असपालपुर आजमबांध में 550 करोड़ से बनने वाले आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय की प्रक्रिया में तेजी आ गई है। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग खंड-5 ने बजट मंजूरी के लिए शासन को आगणन भेज दिया है। प्रथम चरण की धनराशि जारी होने के बाद निर्माण शुरू हो जाएगा। खास बात यह है कि मुख्य गेट से विश्वविद्यालय परिसर तक जाने के लिए 150 मीटर लंबे दो रास्ते होंगे। जिसकी कुल चौड़ाई 24 मीटर होगी।

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असपालपुर आजमबांध में विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद आजमगढ़ व मऊ जिले के महाविद्यालयाें के छात्रों के लिए काफी सहूलियत होगी। विश्वविद्यालय से मऊ की दूरी लगभग 45 किमी और जिले में मुख्यालय से दूरी 14 किमी होगी। कुल लागत का 92 करोड़ रुपये प्रथम चरण में अवमुक्त होेने के बाद विश्वविद्यालय परिसर, प्रशासनिक भवन और आवासीय भवन बनेंगें। विश्वविद्यालय परिसर तक जाने के लिए तीन हेक्टेयर में एप्रोच मार्ग बनेगा, जिसके निर्माण में 16 करोड़ रुपये खर्च आएंगे। परिसर तक जाने के लिए फोरलेन सड़क बनेगी। जिसमें 8.75 मीटर एक तरफ और 8.75 मीटर दूसरी तरफ होगा। बीच में 2.50 मीटर बतौर डिवाइडर होगा, जिस पर पेड़ पाैधे होंगे। इसमें आठ करोड़ रुपये रास्ते के लिए किसानों से खरीदी जाने वाली जमीन का भी मूल्य शामिल है।

श्रेणी परिवर्तन शासन स्तर पर

चंडेश्वर-कम्हरिया मार्ग पर स्थित ग्राम असपालपुर आजमबांध गांव में नए राज्य विश्वविद्यालय के लिए 20 हेक्टेयर पशुचर की भूमि चिह्नित की गई है। शासन से निर्माण की मंजूरी भी मिल गई है। लेकिन पशुचर की भूमि को लेकर श्रेणी का निर्धारण शासन स्तर से ही किया जाना है। मुख्य राजस्व अधिकारी हरीशंकर ने बताया कि पशुचर की चिह्नित जमीन की श्रेणी का निर्धारण तो शासन स्तर से ही किया जाना है।

एई कार्यदायी संस्था

‘विश्वविद्यालय के लिए असपालपुर आजमबांध में चिह्नित जमीन की मंजूरी मिलने के बाद आगणन शासन को भेज दिया गया है। मिट्टी परीक्षण सहित अन्य र्कारवाई चल रही है। प्रथम चरण की धनराशि जारी होने के बाद क्या-क्या निर्माण होना है,उसका निर्धारण कर लिया गया है।  - मुकेश कुमार झा, एई, कार्यदायी संस्था, लोक निर्माण विभाग खंड-5


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