मसालों की नई फसल से कीमतों में 15-20 फीसद की गिरावट, छूट व त्योहार के बाद भी बाजार बेजार
पिछले साल ईद को लेकर बाजार जहां बूम पर था वहीं इस बार कोरोना के चलते यह लॉक है। ग्राहकों से खरीदारी के रूप में ईदी नहीं मिलने से कारोबारी निराश हैं।
वाराणसी, जेएनएन। पिछले साल ईद को लेकर बाजार जहां बूम पर था वहीं इस बार कोरोना के चलते यह लॉक है। ग्राहकों से खरीदारी के रूप में ईदी नहीं मिलने से कारोबारी निराश हैं। पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत कारोबार भी नहीं हो पाया है। बाजार में खरीदारों की संख्या आधी है। हालांकि कोरोना वायरस से बचने व इम्युनिटी बढ़ाने के लिए इस समय घर-घर काढ़ा का प्रयोग बढ़ा है। इस कारण काढ़े में प्रयुक्त वस्तुओं (मिर्च, दालचीनी, तेजपत्ता, हल्दी, गिलोय की लकड़ी, मुनक्का) की मांग में इजाफा लेकिन लॉकडाउन- 4 में मिली छूट से इसके दामों में कमी हुई है।
गोला दीनानाथ मंडी के थोक कारोबारी नवनीत कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के पहले चरण में यातायात बंद कर दिया गया था, लेकिन अब ढील मिली है। इससे अन्य प्रदेशों से माल की आवक पर्याप्त होनेे से लगभग सभी मसालों का रेट 15-20 प्रतिशत तक कम हुआ है। वहीं, कुछ मसालों की नई फसल आने से भी दाम में नरमी आई है। व्यापारियों ने बताया कि कोरोना ने इस बार ईद का बाजार भी बेजार कर दिया है। कमोबेश यही हाल मेेवे का भी है। गोलानाथ दीनानाथ व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष विनोद भूतड़ा ने बताया कि लॉकडाउन में दुकानें बंद होने से कुछ सूखे मेवे खराब हो गए।
मसालों का रेट प्रति किग्रा
थोक फुटकर
जीरा 120-140 160-180
काली मिर्च 320-450 350-500
बड़ी इलायची 500-800 550-850
दालचीनी 250-300 270-320
तेजपत्ता 40-50 60-80
हल्दी 70-90 80-100
लाल मिर्च 90-100 110-120
सफेद मिर्च 500-700 550-750
रतनजोत 150-200 175-225
जावित्री (कोच्चिन) 1200-1400 1280- 1500
जावित्री (सिंगापुर) 1800-2000 1900-2100
छोटी इलायची 2200-3000 2250-3100
पोस्ता 600-800 640-820
जायफल 400-500 410-510
कवाब चीनी 1200-1300 1250-1350
स्याहजीरा 400-500 450-550
धनिया 80-90 90-110
सूखा मेवा
काजू 700-800 750-850
पिस्ता 1200-1300 1250-1350
बादाम 580-600 600-620
किशमिश 140-150 150-160
पहले की अपेक्षा मंदी
मंडी में माल की आवक भरपूर है। मांग के अनुपात में माल उपलब्ध है। फिर भी लॉकडाउन में छूट के बाद व्यापारी पहले की अपेक्षा मंदी महसूस कर रहे हैैं।
- विनोद कुमार भूतड़ा, उपाध्यक्ष, गोला दीनानाथ मंड़ी।