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बाजार में हुई धन की बौछार

जागरण संवाददाता, वाराणसी : धनतेरस पर बाजार में जमकर खरीदारी हुई। चहुंओर रौनक के बीच उपभोक्ताओं के

By Edited By: Tue, 10 Nov 2015 01:44 AM (IST)
बाजार में हुई धन की बौछार

जागरण संवाददाता, वाराणसी :

धनतेरस पर बाजार में जमकर खरीदारी हुई। चहुंओर रौनक के बीच उपभोक्ताओं के लिए प्रतिष्ठानों व कंपनियों ने छूट देकर लोगों को खूब रिझाया। श्री समृद्धि के पर्व धनतेरस पर उम्मीद के मुताबिक कारोबार ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी। पूरे पूर्वाचल में लगभग 900 करोड़ का कारोबार हुआ। आटोमोबाइल्स, सराफा, इलेक्ट्रानिक आइटम के अलावा बर्तनों के बाजार में ग्राहकों की चहलकदमी सबसे जोरदार रही।

नगर में ग्राहकों की भीड़ से समूचा शहर छोटा पड़ गया। ग्राहकों की भीड़ देखकर दुकानदारों के भी चेहरे खिले रहे। सुबह से बाजार गरमाने लगा। यह सिलसिला देर रात तक चला। अस्थाई दुकानों की संख्या ज्यादा होने से नगर के हर क्षेत्र में जाम की स्थिति बनी रही।

स्वर्ण आभूषण, आटोमोबाइल, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक्स गुड्स, सजावटी सामान, फूल-माला, बर्तन, लाई, लावा, चूड़ा व रेवड़ी के साथ साथ चीनी का खिलौना व गट्टों की भी खूब बिक्री हुई। झालरों व बच्चों की खिलौनों की दुकानें भी खूब गुलजार रहीं। पटाखों की दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ रही।

इसके अलावा धन की देवी लक्ष्मी व विघ्नहर्ता गणेश की मूर्तियां भी खूब बिकीं। बर्तन व मिष्ठान की दुकानों पर भी ग्राहकों की लंबी कतारें देखी गई। कारोबारियों के अनुसार धनतेरस व पूर्व संध्या पर लगभग आठ सौ करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ।

सोने-चांदी के सिक्के, इलेक्ट्रानिक सामान के अलावा आटोमोबाइल का मार्केट भी गुलजार रहा। कारोबारियों के अनुसार दो पहिया वाहनों की लगभग दो हजार से ज्यादा लोगों ने खरीदारी की। इसमें 60 फीसद बाइक व 40 फीसद स्कूटर की हिस्सेदारी रही। कामर्शियल वाहन 200 बिके जबकि ट्रैक्टर 50 का आंकड़ा पर कर गया।

सत्तर फीसद ने कराया फाइनेंस

वाहन बाजार में इस बार नकद भुगतान कर खरीदारी करने वालों की संख्या कम थी। ज्यादातर लोगों का झुकाव फाइनेंस की ओर रहा। करीब 70 फीसद लोगों ने फाइनेंस कराया। 25 फीसद मार्जिन मनी जमा कर वाहनों की डिलेवरी की गई।

कारोबारी विनम्र अग्रवाल व गिरीश गुप्ता ने बताया कि इसी बार धनतेरस पर बाजार अच्छा रहा। सभी छोटे-बड़े शोरूमों से दो पहिया के साथ ही चार पहिया वाहन भी खूब बिके। चार पहिया वाहन की बिक्री लगभग चार सौ के आस पास रही। आटोमोबाइल्स सेक्टर में कई कंपनियां तो कार्पोरेट छूट के साथ ही इंश्योरेंस भी फ्री दे रही है। साथ में आकर्षक उपहार भी।

फैंसी साइकिल भी खूब बिकी

दो व चार पहिया वाहनों के साथ ही

साइकिल की दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ रही। धनतेरस पर साइकिल बाजार भी गुलजार रहा। थोक कारोबारी श्रीप्रकाश पांडेय ने बताया कि जनपद का आंकड़ा देखें तो लगभग आठ हजार से अधिक साइकिलें बिक गई।

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बाजार में दिखी सोने की चमक

गोल्ड व डायमंड आभूषणों के शोरूमों में खरीदारों की भीड़ रही। धनतेरस पर हीरे-सोने की ज्वेलरी के साथ ही गिन्नी, सोने व चांदी के सिक्के खूब बिके। कारोबारी संतोष अग्रवाल का कहना है कि हर कोई धनतेरस पर एक सिक्का खरीदना चाहता है। बाजारों में पंद्रह दिन पहले से ही सोने-चांदी के सिक्कों की एडवांस बुकिंग शुरू हो गई थी। खासकर पुराने सिक्के ज्यादा बुक कराए गए थे।

सोने के सिक्के

दीपावली पर गिफ्ट देने और धनतेरस की पूजा के लिए सोने के सिक्के की जमकर बिक्री हुई क्योंकि बैंक व डाकघर इस बार सोने के सिक्के नहीं बेचे।

चादी के सिक्के : बाजार में 5, 10, 20, 50, 100 ग्राम के चांदी के सिक्कों की डिमांड ज्यादा रही।

चादी के गिलास : धनतरेस पर चांदी के ग्लास, प्लेट, थाली खूब बिके। चांदी के गिलास 100 से 500 ग्राम में बाजार में उपलब्ध थे।

गिन्नी : बाजार में दो, चार व आठ ग्राम की गिन्नी क्रमश : 6000, 12000, 21000 में बिके।

सराफा कारोबारी किशोर सेठ व लाल बाबू का कहना है कि सोना व चांदी की कीमतों में कमी के कारण बाजार में खरीदारों की भीड़ रही। धनतेरस के साथ ही लगन की भी लोगों ने खरीदारी की गई। गिन्नी की खरीदारी पर लोगों का खासा जोर रहा। इस बार पिछले वर्ष की तुलना में बाजार अच्छा रहा। सोने के रेट में पिछले दो दिनों से प्रति दस ग्राम चार सौ रुपये की गिरावट होने से बाजार अच्छा रहा। इसका असर धनतेरस पर दिखा।

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मोबाइल में भी एक्सचेंज ऑफर

पुराने स्मार्ट फोन को बदलकर नया मॉडल लेने पर एक से तीन हजार रुपये तक की छूट दी गई।

फर्नीचर बाजार में भी जुटान

इस बार रेडीमेड कम परंपरागत फर्नीचर की मांग ज्यादा रही। कारोबारी यादवेंद्र सिंह ने बताया कि 60 फीसद लोगों ने परंपरागत फर्नीचर ही खरीदे।

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40 रुपये में एक कमल का फूल धनतेरस के मौके पर बाजार में फूल मालाओं के दाम आसाम छू रहे थे। आलम यह था कि बांसफाटक स्थित फूल बाजार में सफेद कमल का फूल एक पीस चालीस रुपये तक बिका। इससे नीचे दुकानदार इसे देने को तैयार नहीं थे। उधर अन्नपूर्णा मंदिर में मां अन्नपूर्णा के दर्शन करने आए दर्शनार्थी भी महंगे दामों पर फूल माला खरीदने क ो विवश नजर आए। इतना ही छोटा गेंदे क ा माला बीस रुपया जोड़ा से नीचे नहीं बिक ा।

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डिजाइनर रंगोली-

दीपावली पर रंगोली बनाना शुभ माना जाता है। ऐसे में बाजार में रेडीमेड रंगोली की जालियां हर आकार में देखे गए। इसमें बस मन चाहे रंगों को डालना है और डिजाइन तैयार हो जाएगी। वक्त की बचत और जिन लोगों की ड्राइंग उतनी अच्छी नहीं उनके लिए तो यह खास उपहार है दीपावली के लिए। इन रंगोलियों में भी मां लक्ष्मी के पदचिह्न वाली रंगोली की खरीदारी जमकर हुई।

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बंदनवार व कलश

हर बजट के अनुसार बंदनवार भी बाजार में खूब बिके। मोतियों, कागज, नगीनों से लेकर लकड़ी के कार्ड बोर्ड से बने आम के पत्ते और कलश वाले वाले बंदनवार, अशोक की पत्तियों व गेंदे के नकली फूलों का आकार लिए बंदनवार तो खूब बिके। इसके अलावा सजावट के लिए बाजार में इस बार एक से बढ़कर एक डिजाइन में कलश भी नजर आए। इसमें दीये को रखकर घर को और भी खूबसूरत बनाया जा सकता है। रंगों से और नगीनों से सजा कलश हर किसी को भाया।

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वाट्सएप मैसेजिंग पर रहा जोर

धनतेरस के साथ ही रोशनी के पर्व की शुरुआत में धनतेरस पर बधाइयों का सिलसिला वाट्सएप पर जोर शोर से रहा। इस दौरान गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध ऐप से क्रिएट कर बनाए गए अपने दोस्तों और दीपावली का तालमेल कर वीडियो भी भेजे गए। जिसे लोगों ने खूब सराहा। इस तरह से तकनीक के जरिए अपनों के प्रति स्नेह जाहिर करने का यह अंदाज इस बार अनोखा रहा।