सारनाथ में श्रीलंकाई वाद्य यंत्र की धुन के बीच हुआ कठिन चीवर पूजा, 12 हजार बौद्ध अनुयायियों ने किया अस्थि दर्शन
महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के की ओर से मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर का तीन दिवसीय आयोजित वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन 12 हजार बौद्ध अनुयायियों ने भगवान बुद्ध के अस्थि दर्शन किया
वाराणसी, जेएनएन। सारनाथ स्थित महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर का 88 वां तीन दिवसीय आयोजित वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन सोमवार तक लगभग 12 हजार बौद्ध अनुयायियों ने भगवान बुद्ध के अस्थि दर्शन किया। इस मौके पर श्रीलंकाई कलाकार अपने पारम्परिक वेशभूषा में श्रीलंकाई वाद्य यंत्र की धुन में लगभग 500 बौद्ध भिक्षुओ के साथ कठिन चीवर पूजा की गई । श्रीलंकाई वाद्य यंत्र पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना था ।
सोसाइटी के महासचिव भिक्षु पी शिवली थेरो के नेतृत्व में मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में सुबह साढ़े बजे से साढ़े दस बजे तक बुद्ध अस्थि दर्शन हुआ। अस्थि दर्शन के लिए मन्दिर से लेकर बाहर सड़क बौद्ध अनुयायियों की कतार लगी थी । सोमवार को अस्थि दर्शन के लिए सबसे अधिक भीड़ रही। श्रीलंका के शरद, दया रत्न, सामन्त,कौशल, उपुल, रंग, सेनरी रत्न, कलाकारों द्वारा वाद्य यंत्रो को धुन में लगभग 500 बौद्ध भिक्षुओं के साथ कठिन चीवर पूजा हुई। श्रीलंकाई वाद्य यंत्र पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र था । इस दौरान श्रीलंका, वियतनाम, बंगलादेश, नेपाल,लाओस, म्यामार, कम्बोडिया,सहित अन्य देशों से आये लगभग१२ हजार बौद्ध अनुयायियों ने अस्थि दर्शन कर चुके हैं । शाम को साढ़े पांच बजे बोधि वृक्ष के नीचे बोधि पूजा हुई। इस दौरान भिक्षु डॉ. के मेधानकर थेरो, भिक्षु के सिरी सुमेध थेरो, भिक्षु चनदिमा, भिक्षु सुमित्ता नन्द, अन्य लोग शामिल थे।
जिलाधिकारी ने किया बुद्ध अस्थि का दर्शन
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा सारनाथ के मुलगन्धकुटी बौद्ध विहार के 88 वें वार्षिकोत्सव के पूर्व संध्या पर सोमवार को मन्दिर पहुंच कर भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष का दर्शन किये। जिलाधिकारी सुबह 11 बजे मुलगंध कुटी बौद्ध मंदिर पहुचे जहाँ महबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के महा सचिव भिक्षु पी शिवली थेरो ने बुद्ध के जीवन व यहाँ होने वाले कार्यक्रमो की जानकारी दी । ततपश्चात भिक्षु शिवली ने बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेष का विधिवत दर्शन पूजन कराया । इसी के साथ होने वाले कार्यक्रमो के बाबत सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली ।