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वाराणसी में मिनी सचिवालय बने 113 पंचायत भवन, अफसरों के बैठने का रोस्टर किया गया तय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद पंचायत भवनों को मिनी सचिवालय का स्वरूप दिया जाने लगा है। हालांकि मिनी सचिवालय की तर्ज पर बहुत कुछ नहीं हो रहा है लेकिन कोशिश होने लगी है। जिले में 113 पंचायत भवन को मिनी सचिवालय का दर्जा दिया गया है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 09:20 AM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 09:20 AM (IST)
वाराणसी में मिनी सचिवालय बने 113 पंचायत भवन, अफसरों के बैठने का रोस्टर किया गया तय
वाराणसी में 113 पंचायत भवन को मिनी सचिवालय का दर्जा दिया गया है।

वाराणसी, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद पंचायत भवनों को मिनी सचिवालय का स्वरूप दिया जाने लगा है। हालांकि मिनी सचिवालय की तर्ज पर बहुत कुछ नहीं हो रहा है, लेकिन कोशिश होने लगी है। जिले में 113 पंचायत भवन को मिनी सचिवालय का दर्जा दिया गया है। इसमें सेवापुरी में सर्वाधिक 43 पंचायत भवन शामिल है। इन सभी पंचायतों को इंटरनेट की सुविधा मुहैया करा दी गई है।

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इसके साथ ही लैपटाप भी दिया गया है। बड़ी बात यह कि इनकी दीवार पर कहीं 'पंचायत भवन सचिवालय लिखा गया है तो कहीं सीधे 'सचिवालय लिख दिया गया है। दीवार पर गांव से जुड़े सभी अफसरों के पद नाम व मोबाइल नंबर भी अंकित कराए गए हैं। तय रोस्टर भी निर्धारित किया गया है। मतलब गुरुवार को सचिव सुबह 11 बजे से दो बजे तक बैठेंगे तो शुक्रवार को लेखपाल। इसके अलावा पंचायत भवन परिसर में सीएचसी यानी कामन सर्विस सेंटर भी खोले जा रहे हैं ताकि गांव के लोगों को जमीन की खतौनी, आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज के लिए ब्लाक व जिला मुख्यालय की दौड़ न लगानी पड़े। शासन की मंशा है कि पंचायत भवन को मिनी सचिवालय का रूप दिया जाए। गांव के लोगों को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं मिल सकें। योजनाओं की जानकारी दी जाए। इसके साथ ही किसी को लाभ नहीं मिल रहा है तो फार्म तत्काल भरवाकर उसको उक्त योजना से कवर यानी आच्छादित किया जाए।

87 ग्राम पंचायतों में से 43 को पूरी तरह अपडेट कर दिया गया है

जिले के सभी पंचायत भवन को मिनी सचिवालय का स्वरूप दिया जाना है। सबसे पहले माडल ब्लाक सेवापुरी में इस कार्य को पूर्ण कराया जाना है। 87 ग्राम पंचायतों में से 43 को पूरी तरह अपडेट कर दिया गया है। हालांकि अभी बहुत से काम होने शेष हैं। मतलब, एक ही सेंटर से गांव के लोगों को सभी आवश्यक कागजी दस्तावेज मुहैया कराया जाना है। साथ ही सरकार की सभी योजनाओं के बारे में जानकारी देनी है। इसके अलावा पात्र वंचित व्यक्ति को उक्त योजना से लाभान्वित भी कराया जाना है।

-शाश्वत आनंद सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी


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