बोर्ड परीक्षा में रोकी जाएगी कागज की बर्बादी
जागरण संवाददाता, उन्नाव: परीक्षा के दौरान गैर हाजिर होने वाले छात्र-छात्राओं की कॉपियों
जागरण संवाददाता, उन्नाव: परीक्षा के दौरान गैर हाजिर होने वाले छात्र-छात्राओं की कॉपियों को रद्दी होने से बचाने के लिए उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस साल बड़ा कदम उठाया है। इसके पीछे का एक और उद्देश्य पर्यावरण को संरक्षित करना है। इसके लिए परीक्षा के दौरान अनुपस्थित होने वाले परीक्षार्थी की कॉपी को स्ट्रांग रूम (कोठार) में जमा न करते हुए उसे अगले दिन प्रयोग में लिया जाएगा।
ज्यादातर निजी या सरकारी क्षेत्रों में नौकरी के लिए होने वाली परीक्षा पेपरलैस हो चुकी है। इस नक्शेकदम पर जल्द प्राविधिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद भी होगा। पर्यावरण को संरक्षित करने की इस दिशा में उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद ने भी अपनी सोच इस साल बदली है। नकल विहीन परीक्षा के लिए जहां सीसीटीवी की संख्या को बढ़ाते हुए वायस रिकॉर्डर को अनिवार्य किया है, वहीं कागज की बर्बादी को रोकने के लिए कॉपियों को सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए डीआइओएस को आदेश हुए है कि परीक्षा में गैर हाजिर होने वाले परीक्षार्थियों की कॉपियों को रद्दी होने से बचाया जाए। प्रत्येक दिन अनुपस्थित होने वाले परीक्षार्थी की कॉपी का प्रयोग दूसरे दिन किया जाए। इस प्रक्रिया में केंद्र व्यवस्थापक डीआइओएस को सूचना देंगे। अनुमति मिलने के बाद कॉपियों का प्रयोग किया जाएगा। अभी बचने वाली कॉपियों को कोठार में रख दिया जाता है। जैसा कि पिछले साल तक होता रहा। साल 2018 की बोर्ड परीक्षा में डेढ़ लाख कॉपियां बची थी। जिसे कुछ सप्ताह पूर्व बोर्ड भेजा गया। डीआइओएस राकेश कुमार का कहना है कि बोर्ड से मिले निर्देश सभी केंद्र व्यवस्थापक को जारी किए गए हैं।