सूर्य की रोशनी से महफूज रखना होगा वीवीपैट
ईवीएम की विश्वसनीयता कायम रखने के लिए 17वीं लोकसभा चुनाव में वीवीपैट मशीन प्रत्येक बूथ पर रहेगी। इससे मताधिकारी का प्रयोग करने के बाद मतदाताओं को उनके वोट की च्गारंटीज् मिलेगी। इस प्रक्रिया को समझाने का कार्य मास्टर ट्रेनर पीठासीन और अन्य मतदान अधिकारियों को कर रहे हैं। मतदान में पारदर्शिता बढ़ाने की इस नई व्यवस्था में उन्हें वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपैट) में लगे सेंसर के प्रति सजग भी किया जा रहा है। सूर्य की रोशनी से मशीन बचाने के लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : बूथ कैप्चरिग के तोड़ के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने ईवीएम व्यवस्था लागू की थी। 2017 में यूपी विधानसभा के चुनावों के बाद ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर उठे सवालों का जवाब देने को आयोग द्वारा इस चुनाव में हर ईवीएम के साथ वीवीपैट लगाया जा रहा है। ईवीएम पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक है। इस वजह से इस पर गर्मी और नमी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता पर वीवीपैट में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल उपकरण लगा होने से इसको सूर्य की रोशनी से बचाना होगा। पोलिग पार्टियों के कर्मियों को मास्टर ट्रेनर द्वारा इस विषय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा। वीवीपैट मशीन में वोट डालने के बाद मतदाता स्लिप पर उस पार्टी का निशान देखा जा सकेगा, जिसे मतदाता ने वोट दिया। मशीन में बनी छोटी स्क्रीन पर पार्टी का निशान और वोट 7 सेकंड तक दिखता है। इसके बाद पर्ची उसके अंदर लगी पेटी में सुनिश्चित हो जाएगी।
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अलग-अलग बॉक्स में होंगे यूनिट
प्रशिक्षण प्रभारी अलख निरंजन मिश्रा ने बताया कि वीवीपैट के मशीन में लगे सेंसर को सूर्य के प्रकाश से बचाना है। ईवीएम को लेकर कंट्रोल यूनिट (सीयू), बैलेट यूनिट (बीयू) को वीवीपैट के साथ जोड़ा जाएगा। पोलिग पार्टियों के रवाना होने से पूर्व उपकरणों की जांच के साथ बूथ पर इनके प्रयोग में सावधानी बरतने के निर्देश हैं।