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करंट से श्रमिक की मौत पर अस्पताल से फैक्ट्री तक हंगामा

संवाद सूत्र मगरवारा (उन्नाव) सदर कोतवाली अंतर्गत अकरमपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक चर्म इकाई म

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 10:28 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:12 AM (IST)
करंट से श्रमिक की मौत पर अस्पताल से फैक्ट्री तक हंगामा
करंट से श्रमिक की मौत पर अस्पताल से फैक्ट्री तक हंगामा

संवाद सूत्र, मगरवारा (उन्नाव): सदर कोतवाली अंतर्गत अकरमपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक चर्म इकाई में पुताई कर रहे दो मजदूर करंट की चपेट में आ गए। इसमें एक की मौत हो गई दूसरा गंभीर घायल हो गया। सूचना पर पहुंचे स्वजन ने फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही व जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर जिंदा को मृत बताकर मोर्चरी भेजने का आरोप लगा अस्पताल से मोर्चरी तक हंगामा किया। सूचना पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट ने उनको समझाने का प्रयास किया। बाद में सदर विधायक ने स्वजन व फैक्ट्री प्रबंधन में वार्ता कराई और मामला शांत कराया।

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लोगों ने बताया कि चर्म इकाई में इस समय रंगाई-पुताई हो रही है। यह काम ठेकेदार पप्पू व रघुवीर करवा रहे हैं। रघुवीर ने वहां गंगाघाट कोतवाली के गांव कटहा दलनारायणपुर निवासी राजकुमार (25) पुत्र होरीलाल व वही के सुखलालखेड़ा निवासी संदीप को लगा रखा था। गुरुवार रात दोनों वहां पुताई कर रहे थे तभी दीवार में अचानक करंट उतर आया। जिसकी चपेट में आकर दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। घटना से वहां काम कर रहे मजदूरों में अफरातफरी मच गई। ठेकेदार ने आनन-फानन उसे जिला अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर ने राजकुमार को मृत घोषित कर दिया और घायल संदीप को कानपुर भेज दिया। इसके बाद अस्पताल कर्मियों व पुलिस ने शव मोर्चरी में रखवा दिया। सूचना पर पहुंचे स्वजन उसके जिदा होने और डाक्टरों द्वारा जिदा को मृत घोषित करने का आरोप लगा जिला अस्पताल व पीएम हाउस में हंगामा करने लगे। फिर उसे एंबुलेंस से शुक्लागंज स्थित एक नर्सिंगहोम ले गए जहां के डाक्टरों ने भी उसे मृत घोषित कर दिया। स्वजन शव लेकर फैक्ट्री गेट पहुंचे और उन्नाव-शुक्लागंज मार्ग जाम कर मुआवजे की मांग करने लगे। जाम की सूचना पर सदर व गंगाघाट कोतवाली पुलिस के साथ सिटी मजिस्ट्रेट चंदन पटेल पहुंचे और लोगों को समझाया लेकिन वे नहीं माने और पांच लाख मुआवजा की बात पर अड़े रहे। सदर विधायक पंकज गुप्ता ने स्वजन व फैक्ट्री प्रबंधन की वार्ता कराई। इसमें 3 लाख मुआवजा व अंतिम संस्कार को 30000 रुपये पर सहमति बनी। वहीं विधायक ने पारिवारिक लाभ योजना के तहत 5 लाख अहेतुक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद स्वजन शव लेकर चले गए। स्वजनों ने बताया कि वह तीन भाइयों में बड़ा था। उसकी मौत से पत्नी दीपा व 3 साल के बेटे तनुस्क का रो-रोकर बुरा हाल रहा।


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