कुलदीप के गुर्गों की धमकी से परेशान दुष्कर्म पीड़िता की मां ने शीर्ष अदालत को भी लिखा था पत्र
धमकियों से परेशान होकर पीड़िता की मां ने देश की शीर्ष अदालत के मुखिया को भी विधायक के गुर्गों की तरफ से मिल रही धमकियों के बारे में अवगत कराया था।
उन्नाव, जेएनएन। उन्नाव के माखी गांव की दुष्कर्म पीड़िता को इस मामले में आरोपी दबंग भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद तमाम तरह के पापड़ बेलने पड़े। पिता की मौत के बाद भी मोर्चा पर डटी पीड़िता और उसकी मां को लगातार धमकियां मिल रही थीं। माना जा रहा है कि अगर शीर्ष अधिकारियों ने इनकी गुहार पर अमल किया होता तो पीड़िता को रायबरेली में सड़क दुर्घटना न झेलनी पड़ती।
दुष्कर्म पीड़िता और उसकी मां की ओर से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा एक पत्र सामने आया है। पीड़िता की कार के एक्सीडेंट से 20 दिन पहले भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई ने अपने गुर्गों के साथ पीड़िता के घर जाकर धमकाया था। उसके बाद दुष्कर्म के मामले में सह आरोपित शशि सिंह के पति और बेटे ने भी अंजाम भुगतने और पूरे परिवार को जेल में सड़ाने की धमकी दी थी। कुलदीप के गुर्गों की धमकी से परेशान दुष्कर्म पीड़िता की मां ने मुख्य न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय को पत्र भेजकर कार्रवाई कराने का आदेश देने की गुहार लगाई थी।
रायबरेली में उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की कार में ट्रक की टक्कर मारने की घटना से लगभग 20 दिन पहले ही उसको तथा उसकी मां को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई और गुर्गों ने धमकी दी थी। उसके बाद सह आरोपी शशि सिंह के पति और बेटे ने भी अंजाम भुगतने और पूरे परिवार को जेल में सड़ाने की धमकी दी थी। कुलदीप के गुर्गों की धमकी से परेशान दुष्कर्म पीड़िता की मां ने मुख्य न्यायामूर्ति उच्चतम न्यायालय को पत्र भेज कार्रवाई कराने का आदेश देने की गुहार लगाई थी। उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी पत्र लिखा था। यह पत्र 12 जुलाई 2019 को उन्नाव रेप पीड़िता की तरफ से लिखा गया है। इसमें यह कहा गया है कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए जो हमें धमका रहे हैं। पत्र में आगे लिखा गया है कि लोग मेरे घर आते हैं, धमकाते हैं और केस वापस लेने की बात कर ये कहते हैं कि ऐसा नहीं किया तो पूरे परिवार को फर्जी केस में जेल में बंद करवा देंगे।
माखी दुष्कर्म मामले में आरोपी बाहुबली भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार को तमाम उत्पीड़न सहने पड़े। पहले उसके पिता को पीटा गया। पिता की मौत के बाद भी विधायक के खिलाफ मोर्चा पर डटी पीड़िता और उसकी मां को लगातार धमकियां मिलती रहीं। लेकिन शासन तब जागा जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया। रायबरेली सड़क दुर्घटना से पहले की गई गुहार पर अगर शीर्ष अधिकारियों ने कार्रवाई कर दी कर दी होती तो पीड़िता को रायबरेली में सड़क दुर्घटना न झेलनी पड़ती। बाहुबली भाजपा विधायक के भाई और सह आरोपी शशि सिंह के पति और पुत्र की धमकियों से परेशान होकर पीड़िता की मां ने देश की शीर्ष अदालत के मुखिया को भी विधायक के गुर्गों की तरफ से मिल रही धमकियों के बारे में अवगत कराया था। पीड़िता की मां ने 12 जुलाई को शीर्ष अदालत के मुखिया को भेजे पत्र में अवगत कराया था कि बाहुबली विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के गुर्गों उसे लगातार धमकियां दे रहे हैं।
पीड़िता की मां की ओर से लिखे इस पत्र के मुताबिक, 7 जुलाई 2019 को आरोपी शशि सिंह के पुत्र नवीन सिंह, विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई मनोज सिंह सेंगर, कुन्नू मिश्रा और दो अज्ञात व्यक्ति ने उनके घर आकर उन्हें धमकी दी थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को ई-मेल से भेजा गया रेप पीड़िता की मां ने पत्र सामने आया है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस समेत तमाम अधिकारियों से आरोपी विधायक और उनके गुर्गों की धमकी का जिक्र किया गया है। 12 जुलाई को लिखे इस पत्र में पीड़िता और उसके परिजनों ने आरोपियों से सुलह न करने पर जेल भिजवाने की धमकी का जिक्र किया है। इस पत्र में पीडि़त परिवार ने मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का भी निवेदन किया।
शीर्ष अधिकारियों को भेजा पत्र
पीड़ित परिवार की तरफ से यह पत्र सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, प्रमुख सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, लखनऊ में सीबीआई के प्रमुख और पुलिस अधीक्षक (उन्नाव) को यह पत्र भेजा गया है।
12 जुलाई को लिखा गया था पत्र
सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र हिंदी में है। मुख्य न्यायाधीश ने जिम्मेदार अधिकारी को उस पर एक नोट बनाकर उनके समक्ष पेश करने का आदेश दिया है।
सामने आये पीड़ित परिवार के 12 जुलाई के हिंदी में लिखे पत्र में दो दिन लगातार 7 और 8 जुलाई को अभियुक्तों की ओर से उनके घर आकर धमकी दिये जाने और पीड़ित परिवार पर समझौते के लिए दबाव डालने की बात कही गई है। पत्र में दोनों दिन का पूरा घटनाक्रम बयां करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तों की ओर से धमकी दी गई कि सुलह कर लो नहीं तो पूरे परिवार को फर्जी मुकदमें लगा कर जेल में सड़ा कर मार डालेंगे।
पीड़ित परिवार ने कहा है कि पत्र के साथ वे उस कार की वीडियो क्लिपिंग और उस व्यक्ति की फोटो भी भेज रहे हैं, जिसमें धमकी देने वाले लोग उनके घर आये थे। पत्र में अनुरोध किया गया है कि माखी के प्रभारी निरीक्षक को प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने का आदेश दिया जाए।
पत्र की प्रतिलिपि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव गृह, उत्तर प्रदेश के डीजीपी, उत्तर प्रदेश के आइजी, लखनऊ में सीबीआइ एसीबी के शाखा प्रमुख आदि को भी भेजी गई है। उन्नाव दुष्कर्म कांड पिछले वर्ष तब सामने आया था जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के समक्ष आत्मदाह की कोशिश की थी। बाद में गत वर्ष अप्रैल में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था। गत रविवार को हुई सड़क दुर्घटना मे भी विधायक व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है।
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