Unnao Case :उन्नाव का माखी कांड: कुलदीप सिंह सेंगर की शह पर भाई देते रहे कानून को मात
Unnao Case प्रधान चुनाव से सियासत का सफर शुरू कर विधानसभा के गलियारे में गहरी पैठ बनाने वाले कुलदीप की ठसक और उसके भाइयों की दबंगई के किस्से ताजा हो उठे हैं।
उन्नाव, जेएनएन। नाबालिग से दुष्कर्म का मामला पहला ऐसा है, जब विधायक कुलदीप सिंह सेंगर कानून के शिकंजे में बुरी तरह फंसा। जिस सियासी रसूख को हथियार बनाकर वह कानून से खेलता रहा, उसकी धार न्यायपालिका के आगे कुंद पड़ गई।
दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अब उसके गांव-क्षेत्र में तमाम चर्चाएं तेजी पकड़ रही हैं। ग्राम प्रधान चुनाव से सियासत का सफर शुरू कर विधानसभा के गलियारे में गहरी पैठ बनाने वाले कुलदीप की ठसक और उसके भाइयों की दबंगई के किस्से ताजा हो उठे हैं। कैसे उसकी शह पर उसके भाई कानून को मात देते थे।
लगातार विधायक चुने जाते रहे कुलदीप सिंह सेंगर का रुतबा और प्रभाव ऐसा बढ़ता गया कि सब उसके नतमस्तक थे। यहां तक कि पुलिस भी। वह अपने भाइयों के अपराधों पर पर्दा डालता रहा। उन्नाव के गंगाघाट थाना क्षेत्र में विधायक के भाई ने अपर पुलिस अधीक्षक को गोली मार दी थी। इस मामले की फाइल ही गायब करा दी गई, जो आज तक नहीं मिली।
कानपुर में भी भाई ने गोली कांड किया, तब भी उसका कुछ नहीं बिगड़ा। हत्या के मामले में जेल में बंद विधायक के भाई अतुल सिंह ने चार अप्रैल को दुष्कर्म पीडि़ता के पिता को गांव में बेरहमी से पीटा। विधायक के आगे झुकी पुलिस ने पीडि़ता के पिता को ही जेल भेज दिया। सात अप्रैल 2018 को न्याय के लिए जब पीडि़ता ने लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया तो सूबे की सियासत में भूकंप आ गया। दूसरे दिन ही जिला कारागार में दुष्कर्म पीडि़ता के पिता की हालत बिगड़ी और जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई। तब विधायक के भाई अतुल सिंह पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। नौ अप्रैल को विधायक के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ। गांव के लोगों का कहना है कि ये कुछ मामले तो जो रिकार्ड में दर्ज हैं, वरना भाइयों के कई कृत्यों को विधायक दबा ले गए थे।