उन्नाव-रायबरेली रूट पर खत्म होने लगीं मानव रहित क्रॉसिग
ट्रैक के दोहरीकरण और विद्युतीकरण का कार्य कराते हुए उन्नाव-रायबरेली रेल रूट की मानवरहित क्रासिग को रेलवे खत्म कर रहा है। पहले चरण में अतिव्यस्त क्रासिग को चिन्हित करा अंडरपाथ निर्माण शुरू कराया गया है। इसमें तकिया और बैसवारा स्टेशन की क्रासिग शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) को लेकर अचलगंज हॉल्ट पर विद्युत पैनल तैयार किया जा रहा है। जहां से इलेक्ट्रिक इंजन को विद्युत आपूर्ति होगी। प्रयागराज और कानपुर-हावड़ा
जागरण संवाददाता, उन्नाव :
ट्रैक के दोहरीकरण और विद्युतीकरण का कार्य कराते हुए रेलवे उन्नाव-रायबरेली रेलमार्ग की मानवरहित क्रासिग को खत्म कर रहा है। पहले चरण में अति व्यस्त क्रासिग चिह्नित करा अंडरपाथ बनाया जा रहा है। इसमें तकिया और बैसवारा स्टेशन की क्रासिग शामिल हैं। दूसरी ओर ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) के लिए अचलगंज हॉल्ट पर बिजली पैनल तैयार किया जा रहा है, जहां से इलेक्ट्रिक इंजन को बिजली आपूर्ति होगी।
प्रयागराज और कानपुर-हावड़ा रेल रूट को लेकर उन्नाव-रायबरेली रेल खंड अहम है। ऊंचाहार जंक्शन से यह महत्वपूर्ण रेल खंड जुड़ा है। रायबरेली तक विद्युतीकरण न होने से कानपुर से उन्नाव के रास्ते रायबरेली या प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों को डीजल इंजन से दौड़ाया जाता है। इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ाने के लिए ओएचई का कार्य किया जा रहा। इस कवायद के साथ रेलवे रायबरेली सेक्शन में मानव रहित क्रासिग भी खत्म कर रहा है। इंजीनियरिग और ब्रिज निर्माण विभाग क्रासिग को चिह्नित करते हुए अंडरपाथ बना रहे हैं। करीब 525 करोड़ के बजट से यह कार्य पूर्ण कराया जाना है। रेलवे क्रासिग में कोरारी, अचलगंज, बीघापुर, तकिया और बैसवारा है। तकिया और बैसवारा स्टेशन के बीच सधनवाखेड़ा रावतपुर और पाटन-पोरई मार्ग की क्रासिग है। सधनवाखेड़ा में कार्य अंतिम चरण में है तो पोरई मार्ग की मानव रहित क्रासिग (89) पर अंडरपाथ बनाए जाने के लिए खोदाई शुरू है। डीआरएम संजय त्रिपाठी का कहना है कि रेल संरक्षा और यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखकर अंडरपाथ बनाए जा रहे हैं। शीघ्र ही कार्य पूरे होंगे।
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यहां भी बनेंगे अंडरपाथ
- इंदेमऊ और तकिया के मध्य की क्रासिग
- पाटन से कुछ दूर ककरारी गांव की क्रासिग
- कोरारी स्टेशन और अचलगंज हॉल्ट के मध्य