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कैंसिल ट्रेनों की वजह से कानपुर-लखनऊ के बीच रेल यात्रा करना आज भी होगा कठिन

वैसे तो कानपुर से लखनऊ के बीच शताब्दी जैसी एक आध ट्रेन को छोड़कर ज्यादातर ट्रेनें घंटों के हिसाब से रोज लेट होती हैं लेकिन अब यह समस्या और बढ़ने वाली है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 06:42 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 08:50 AM (IST)
कैंसिल ट्रेनों की वजह से कानपुर-लखनऊ के बीच रेल यात्रा करना आज भी होगा कठिन
कैंसिल ट्रेनों की वजह से कानपुर-लखनऊ के बीच रेल यात्रा करना आज भी होगा कठिन

उन्नाव (जेएनएन)। वैसे तो कानपुर से लखनऊ के बीच शताब्दी जैसी ट्रेनों को छोड़कर ज्यादातर ट्रेनें घंटों के हिसाब से रोज लेट होती हैं लेकिन अब यह समस्या और बढ़ने वाली है। अजगैन के बाद अब रेलवे कानपुर-लखनऊ रेलखंड के सोनिक स्टेशन पर सिग्नल प्रणाली को बेहतर करने का काम करने जा रहा है। यहां 23 व 24 जून को नॉन इंटरलाकिंग (एनआइ) की तैयारी है। इसके चलते यात्रियों के लिए मुश्किल भरे दिन होंगे। दरअसल यहां मेगा ब्लाक लेकर एनआइ का कार्य किया जाएगा। ऐेसे में कई ट्रेनें निरस्त रहेंगी तो कई के स्टेशनों में कटौती की जाएगी। कुछ ट्रेनों को बीच के स्टेशनों पर अतिरिक्त रोक गंतव्य को रवाना किया जाएगा। फिलहाल जब ब्लाक होगा तब के हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है जब बिना ब्लाक गुरुवार को इस कानपुर-लखनऊ रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनें किस तरह से विलंबित रहीं।--- 

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कई चरणों में लिया जाएगा ब्लाक 

कानपुर-लखनऊ ट्रैक पर ट्रेनों को रफ्तार देने के लिए उत्तर रेलवे सिग्नल को स्मार्ट करने में लगा है। नवंबर 2017 में अजगैन स्टेशन पर एनआइ कार्य कराया गया था। इसमें दो दर्जन से अधिक ट्रेनें प्रभावित हुई थी। सोनिक स्टेशन पर गुरुवार को पूर्व की तैयारियां रेल पथ और एसएनटी अनुभाग के इंजीनियरों ने शुरू कीं। कई चरणों में ब्लाक लेकर कार्य कराया गया। एनआइ के लिए परिचालन अनुभाग के अधिकारी ब्लाक अवधि तय करेंगे। पीडब्ल्यूआइ विकास कुमार के अनुसार 23 और 24 जून को नॉन इंटरलाकिंग कार्य कराए जाने की तैयारी चल रही है। 

दो दिन तक इन ट्रेनों का बदल सकता रूट

एनआइ की वजह से उत्सर्ग एक्सप्रेस, वरुणा, पुष्पक, बरौनी, चित्रकूट एक्सप्रेस, मुंबई-लखनऊ पुष्पक एक्सप्रेस, कटिहार-अमृतसर आम्रपाली एक्सप्रेस, गोरखपुर-त्रिवेंद्रम राप्ती सागर एक्सप्रेस, बरौनी-ग्वालियर मेल और राप्ती सागर एक्सप्रेस सहित कई अन्य ट्रेनों का रूट बदला जा सकता है।

इन ट्रेनों को किया जा सकता निरस्त

एनआइ के दौरान झांसी-लखनऊ इंटरसिटी, लखनऊ-आगरा इंटरसिटी, प्रतापगढ़-कानपुर इंटरसिटी, फैजाबाद-कानपुर इंटरसिटी, झांसी-लखनऊ पैसेंजर, लखनऊ जंक्शन-कानपुर मेमू, 64204 कानपुर-लखनऊ मेमू, 64205, 64206, 64207 लखनऊ-कानपुर मेमू, 64213 लखनऊ-कानपुर मेमू, 64214 कानपुर अनवरगंज- लखनऊ मेमू, बाराबंकी-कानपुर मेमू आदि के निरस्त होने की संभावना है।

यात्री सुविधाओं की कमी से परेशानी

भारतीय रेल में यात्री सुविधाओं की कमी आए दिन कोढ़ में खाज की तरह नजर आती रहती है। कई ट्रेनें कहीं भी खड़ी कर दी जाती है। ऐसे स्थानों पर लोग भूख प्यास से परेशान हो उठते हैं। ऐसी जगहों पर खाने पीने की चीजें भी काफी असुरक्षित रहती हैं। गर्मी में एसी खराब होना तो आम बात है। खानपान का हाल यह कि पेट्री कार तक अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। इनमें निर्धारित कीमत से अधिक और गुणवत्ता में घटिया वस्तुएं परोसी जाती है। इस सब पर रेलवे को शिकायत का इंतजार रहता है।

कोच में खराबी से ठहरी समर स्पेशल

आज आनंद विहार से छपरा जा रही समर स्पेशल रेलगाड़ी के कोच में खराबी आ गई। इसको हापुड़ स्टेशन पर रोक दिया गया। 45 मिनट के कड़े प्रयासों के बाद रेलवे स्टॉफ ने खराबी को दूर किया। रेलवे ने गर्मियों में यात्रियों की संख्या बढऩे को देखते हुए विशेष रेलगाडिय़ों का संचालन किया है। बुधवार शाम रेलगाड़ी जब आनंद विहार से छपरा की ओर चली तो यात्रियों को एक कोच में कुछ अजीब सी आवाज सुनाई दी। ट्रेन जब पिलखुवा स्टेशन से गुजरी तो आवाज अधिक होने पर यात्रियों ने सूचना रेलवे स्टाफ को दी। ट्रेन को हापुड़ स्टेशन पर रोक दिया।  मंडल रेल प्रबंधक एके सिंघल ने बताया तकनीकी खराबी को ठीक करने के बाद ट्रेन को रवाना किया गया। 

डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस में अवैध पैंट्रीकार

गुरुवार को सहायक वाणिज्य प्रबंधक (एसीएम) दिलीप कुमार सेठ की टीम ने चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन में छापा मारा। इसमें अवैध पैंट्रीकार के दो वेंडर और करीब एक लाख रुपये का सामान जब्त किया है। डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस जैसे ही मुरादाबाद पहुंची, एसीएम टीम के साथ उसमें सवार हो गए। अवैध वेंडर खाद्य पदार्थ छोड़कर ट्रेन से कूद कर भाग निकले। दो वेंडर को दबोच लिया। दोनों की निशानदेही पर शौचालय, दो बोगी को जोडऩे वाले स्थान पर बिस्कुट, कोल्ड ड्रिंक, ब्रांडेड नमकीन, चिप्स, समोसा, पेटीज, कोल्ड ड्रिंक और बर्फ मिली, जबकि स्लीपर कोच में सीट के नीचे 20 पेटी बोतल बंद पानी मिला। 


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