बीमारी व आर्थिक तंगी से ऊबकर किसान ने फंदे लटककर दी जान
संवाद सूत्र औरास थानाक्षेत्र के पुरथ्यावां गांव निवासी 42 वर्षीय किसान ने घर के छप्पर में फां
संवाद सूत्र, औरास: थानाक्षेत्र के पुरथ्यावां गांव निवासी 42 वर्षीय किसान ने घर के छप्पर में फांसी लगाकर जान दे दी। गांव वालों के अनुसार वह काफी दिनों से बीमार था और आर्थिक तंगी से परेशान चल रहा था। परिवार का भरण पोषण करने में असमर्थ होने के चलते वह अवसाद से ग्रसित था।
पुरथ्यावां निवासी रामचंद्र प्रजापति पुत्र छोटे लाल की पत्नी व बच्चे सोमवार शाम मवेशियों का चारा लेने खेत गये थे। बड़ी बेटी पड़ोस में गयी थी। जैसे ही वह घर पहुंची तो देखा कि उसके पिता का शव छप्पर में रस्सी से लटका हुआ था। उसने शोर मचाया तो मोहल्ला वासी व पत्नी वहां पहुंचे और शव को नीचे उतारकर अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे। लेकिन उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी। मौत से स्वजन में कोहराम मच गया। हल्का दारोगा नरेंद्र कुमार ने बताया कि दिवंगत के चचेरे भाई राम किशोर ने तहरीर दी है। उसके आधार पर शव पीएम को भेज दिया है। ग्रामीणों व स्वजन के अनुसार काफी दिनों से बीमार था। उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इसलिए वह इलाज भी नहीं करा पा रहा था। लॉकडाउन में कमाई न होने से उसे छह बच्चों का भरण पोषण करने में परेशानी हो रही थी, इससे वह अवसाद से ग्रसित था। बताया कि उसके चार बेटे व दो बेटियां हैं। बड़ा बेटा 20 साल का है जो बाहर रहकर नौकरी करता है। पत्नी सुंदरी ने बताया कि कुछ दिन पहले दस बिसुआ खेत में लगी धान की फसल आवारा मवेशी चर गये थे। इससे वह अधिक परेशान थे। उसकी मौत से पत्नी, बेटे धीरज, नीरज, सूरज, सोनू व बेटियों में नेहा और पूनम सहित अन्य स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल रहा।