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बुखार व डायरिया से तीन बच्चों की मौत, मरीजों की लगी लाइन

मौसम के साथ-साथ वायरल का हमला तेज होता जा रहा है। सोमवार को महिला और पुरुष अस्पताल में मिलाकर लगभग दो हजार से अधिक मरीजों ने पंजीकरण कराया। इनमें सत्तर फीसदी मरीज मौसम के कारण होने वाली बीमारियों से पीड़ित थे। पर्चा से लेकर दवा काउंटर तक मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। उधर इमरजेंसी में पहुंचने वाले गंभीर रागियों में भी वायरल फीवर और डायरिया के मरीजों से बेड फुल हो गए। पूरे समय अफरा तफरी मची रही। डॉक्टर को दिखाने से लेकर दवा लेने तक मरीजों को घंटों लाइन में लगना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 12:06 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 06:36 AM (IST)
बुखार व डायरिया से तीन बच्चों की मौत, मरीजों की लगी लाइन
बुखार व डायरिया से तीन बच्चों की मौत, मरीजों की लगी लाइन

जागरण संवाददाता, उन्नाव : मौसम के साथ-साथ वायरल का हमला तेज होता जा रहा है। महिला और पुरुष अस्पताल में मिलाकर लगभग दो हजार से अधिक मरीजों ने पंजीकरण कराया। सोमवार को जिला अस्पताल में बुखार व डायरिया से पीड़ित तीन बच्चों की मौत हो गई। जिनमें सफीपुर के एक परिवार के दो बच्चे शामिल हैं। पीड़ित 19 से अधिक बच्चों को भर्ती कराया गया। पर्चा से लेकर दवा काउंटर तक मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। उधर इमरजेंसी में पहुंचने वाले गंभीर रोगियों में भी वायरल फीवर और डायरिया के मरीजों से बेड फुल हो गए। पूरे समय अफरा तफरी मची रही। डॉक्टर को दिखाने से लेकर दवा लेने तक मरीजों को घंटों लाइन में लगना पड़ा।

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सोमवार को पुरुष अस्पताल में ओपीडी के लिए 2500 पर्चा बनाए गए। जबकि लगभग चार सौ पर्चा महिला अस्पताल में बनाए गए। पर्चा काउंटर पर चार कर्मचारी लगे होने के बाद भी मरीजों को लंबी लाइन लगानी पड़ी यही हाल डॉक्टर कक्षों का रहा। सबसे अधिक भीड़ बालरोग विशेषज्ञों के कक्ष में रही। बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों में डॉ. रमन, डॉ. बृजकुमार और डॉ. अमित ने मिलकर 700 से अधिक बच्चे देखे। डाक्टरों का कहना था सभी सीजन बीमारी से ग्रसित थे। फिजीशियन कक्षों में भी बुखार के मरीजों की लंबी लाइन लगी रही।

शहर के पूरन नगर निवासी अरविद ने रविवार को पांच वर्षीय बेटे आदर्श को तेज बुखार से होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। हालत गंभीर होने पर उसे रेफर कर दिया गया। परिजन उसे एक प्राइवेट अस्पताल ले गए जहां सोमवार सुबह उसकी हालत दोबारा बिगड़ी इस पर डॉक्टर ने कानपुर के लिए रेफर कर दिया। परिजन पुन: बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसी तरह बुखार और डायरिया से पीड़ित अंश 7 प्रद्युम्न 11 अंशिका 14 राहुल 3 सोमाकं 8 अभिषेक 9 समेत 19 बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित ने बताया मौसम में बदलाव की वजह से बच्चों को संक्रामक रोग हो रहे हैं। बच्चों के अलावा बड़े भी वायरल फीवर, मलेरिया आदि की चपेट में आ रहे हैं।

वहीं, सफीपुर कस्बे के राहतगंज बड़ी बाजार मोहल्ला निवासी सुरेंद्र, सुनील, अनिल व धर्मेद्र चार भाई एक ही मकान में रहते है। सुरेंद्र के 5 वर्षीय पुत्र शौर्य, अनिल की पुत्री बिटिया (6),धर्मेंद्र की पुत्री सोनम व सुनील को पेट दर्द के बाद उल्टी व दस्त शुरू हो गई। हालत बिगड़ती देख सभी को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जहां हालत में सुधार न होने पर जिला अस्पताल रेफर किया गया। उन्नाव ले जाते समय शौर्य व बिटिया की मौत हो गई जबकि सोनम व धर्मेंद्र को कानपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

झोलाछाप के इलाज से प्रधान पुत्र की गई जान

औरास : औरास थाना क्षेत्र करौंदी गांव निवासी प्रधान केशन पाल के 18 वर्षीय बेटे रितेश के पैर में फोड़ा निकला था। वह क्षेत्र के ही एक झोलाछाप से इलाज करा रहा था। रविवार को उसकी हालत बिगड़ने लगी इस पर झोलाछाप ने हाथ खड़े कर दिए। परिवार के लोग उसे लखनऊ मलिहाबाद के एक निजी चिकित्सक के पास ले गए। डाक्टर ने उसे इंजेक्शन लगाया थोड़ी देर बाद उसकी हालत और गंभीर हो गई। तब परिजन उसे लखनऊ ट्रामा सेंटर लेकर जा रहे थे रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतक रितेश पांच भाइयों में सबसे छोटा था। पिता ने आरोप लगाया कि झोलाछाप के गलत दवा देने से उसकी मौत हुई। उसने कोई शिकायतीपत्र पुलिस को नहीं दिया।


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