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समितियों में यूरिया की दिक्कत होगी दूर, 2650 एमटी मिली खाद

जागरण टीम उन्नाव जिले की सहकारी समितियों में खाद की दिक्कत को दूर करने के लिए 2650 म

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 05:59 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 05:59 PM (IST)
समितियों में यूरिया की दिक्कत होगी दूर, 2650 एमटी मिली खाद

जागरण टीम, उन्नाव : जिले की सहकारी समितियों में खाद की दिक्कत को दूर करने के लिए 2650 मीट्रिक टन खाद मंगाई गई है। इससे उन समितियों को खाद दी जाएगी जहां पर खाद कई महीनों से नहीं है। हालांकि बुधवार को भी 50 सहकारी समितियों में खाद न होने से ताला बंद रहा।

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जिले की यूरिया की दिक्कत को खत्म करने के लिए 2650 एमटी खाद मंगलवार को आ गई। जिला कृषि अधिकारी केके मिश्रा ने समितियों, इफ्को केंद्र और पीओएस सेंटर के संचालकों को खाद उठाने के निर्देश दिए हैं। बताया कि जिले में यूरिया की कोई कमी है। कोटा पूरा कर लिया गया है। बुधवार को सफीपुर की आठ, हिलौली की आठ, फतेहपुर चौरासी की छह, बीघापुर की आठ, सिकंदरपुर कर्ण की 11, औरास की छह समितियों में खाद न होने से उनमें ताला लगा रहा।

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खाद आने से किसानों में मची अफरातफरी

- गंजमुरादाबाद क्षेत्र के ग्राम बल्ला पुर सहकारी समिति में 22 अगस्त को 500 बोरी, 30 अगस्त को 400 बोरी तथा बुधवार को 500 बोरी यूरिया आई। यूरिया आते ही किसानों की समिति पर भीड़ जमा होगी। शारीरिक दूरी बनाकर किसानों को खाद का वितरण किया गया। बांगरमऊ नगर के संडीला मार्ग पर 500 बोरी खाद इफ्को उर्वरक केंद्र की शाखा पर बुधवार को आई। खाद लेने के लिए किसानों में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। खाद विक्रेता ने बताया 500 बोरी खाद आई है जिनमें से 200 बोरी बिक्री की जा रही है। शेष बची खाद भी 266.50 रुपये बोरी बिक्री की जा रही है। किसान ग्राम वैरी सादिकपुर के भैयालाल, रामेश्वर अवस्थी तथा खम्भौली निवासी मूलचंद व रामदीन खेड़ा निवासी राजेश, दसगवा निवासी बुधई आदि किसानों ने बताया कई दिनों से सोसायटी एवं अन्य केंद्रों तथा प्राइवेट दुकानों पर जा रहे हैं लेकिन खाद नहीं मिल पा रही है जिससे हम लोगों की फसलें बर्बाद हो रही हैं।

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- जिले में खरीफ सीजन की खाद आ चुकी है। मंगलवार को 2650 एमटी खाद को सहकारी समितियों, इफ्को केंद्र पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। जिले में अब खाद की कोई कमी है। साथ ही यूरिया की अब बहुत आवश्यकता भी नहीं है। किसान खाद का संतुलन बनाए रखे, नहीं तो पैदावार कमजोर होगी।

- केके मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी


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