दो से तीन माह तक बंद रह सकते चर्म उद्योग
41 उद्योगों को बंदी आदेश होने के बाद इनके दोबारा चालू होने का रास्ता तो अभी नहीं दिख रहा लेकिन उद्यमी इसके प्रयास में जुट गए हैं। उनके प्रयास अगर कामयाब हुए तो यह उद्योग फिर चल सकेंगे।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : 41 चर्म उद्योगों को बंदी आदेश होने के बाद इनके दोबारा चालू होने का रास्ता तो अभी नहीं दिख रहा लेकिन उद्यमी प्रयास में जुट गए हैं। विभागीय अधिकारियों की सलाह पर उद्यमियों ने ट्रीटमेंट प्लांट के उच्चीकरण को लेकर कवायद तेज कर दी है। ऐसे में इन उद्योगों के चालू होने में दो से तीन माह का समय लग सकता है।
जिले के दो कॉमन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के जल शोधन की प्रक्रिया सुचारु रूप से न चलने और यहां की बूढ़ी मशीनों से निकलने वाला पानी विभागीय मानकों पर खरा न उतरने के चलते बीते दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 41 चर्म उद्योगों को बंदी आदेश जारी किया था। उद्यमी अब सीईटीपी को अपग्रेड करने की कवायद में जुट गए हैं। उन्होंने आपसी सहमति बना प्लांट को आधुनिक मशीनों से लैस करने का मन बनाया है। यह मशीनें लगने में करीब एक से डेढ़ माह लगेगा। इसके बाद इनकी जांच की मांग एनजीटी से करेंगे। जांच के बाद टीम के संतुष्ट होने पर उद्योगों के संचालित होने की उम्मीद है।
आज से पूरी तरह होगी चर्म उद्योगों में तालाबंदी
बंदी आदेश की जद में आए चर्म उद्योगों में रखे रॉ-मैटेरियल को जल्द खत्म करना होगा। आदेश में है कि सभी उद्योग जल्द यह मैटेरियल उपयोग करें। ऐसा नहीं किया तो विभागीय चाबुक चलेगा और सोमवार से तालाबंदी हो जाएगी।
तीन माह में लगेगा 1500 करोड़ का चूना
जिले के चर्म उद्योगों का सालाना करीब 8000 करोड़ का टर्नओवर है। इसमें यह 41 चर्म उद्योग अहम हैं। कुछ को छोड़ अन्य छोटे हैं जिनका टर्नओवर कम है। यह उद्योग अगर तीन माह बंद रहते हैं तो करीब 1500 करोड़ का चूना लगेगा।
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एरियेशन टैंकों को करेंगे अपग्रेड
जानकारों की मानें तो सीईटीपी के एरियेशन टैंक के सही काम न करने से बीओडी-सीओडी बढ़ा मिला था। अब इन एरियेशन टैंकों में जेट एरियेटर्स लगा कमी दूर की जाएगी। इसके बाद प्लांट की जांच होगी और सीपीसीबी के हरी झंडी देने पर उद्योगों को चालू करने की अनुमति मिलेगी।
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75 लाख से होगा प्लांट का उच्चीकरण
सीईटीपी उन्नाव के कन्सलटेंट आशुतोष टंडन की मानें तो उद्यमियों ने सीईटीपी अपग्रेड कराने को 75 लाख फंड एकत्र किया है। इससे प्लांट में जेट एरियेटर्स लगेंगे और अन्य कार्य भी होंगे। तब प्लांट सुचारु रूप से चलेगा।