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हक और बेगार के खिलाफ शिक्षकों ने उठाई आवाज

शिक्षक दिवस पर बेसिक शिक्षा कार्यालय परिसर में उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जिले के 16 ब्लाकों के शिक्षकों ने हक और बेगार के विरोध में आवाज उठायी शिक्षक दिवस को शिक्षक सम्मान बचाओ दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान 11 सितबर से होने वाले आंदोलन की रणनीति तैयार की गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 06:39 AM (IST)
हक और बेगार के खिलाफ शिक्षकों ने उठाई आवाज
हक और बेगार के खिलाफ शिक्षकों ने उठाई आवाज

जागरण संवाददाता, उन्नाव : शिक्षक दिवस पर बेसिक शिक्षा कार्यालय परिसर में उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जिले के 16 ब्लाकों के शिक्षकों ने हक और बेगार के विरोध में आवाज उठाई, शिक्षक दिवस को शिक्षक सम्मान बचाओ दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान 11 सितंबर से होने वाले आंदोलन की रणनीति तैयार की गई।

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पुरानी पेंशन बहाली, परिषदीय स्कूलों पांच सहायक शिक्षक और एक प्रधान अध्यापक और उच्च प्राथमिक स्कूल में तीन सहायक शिक्षक और एक प्रधान शिक्षक की नियुक्ति, स्कूलों फर्नीचर, बिजली पानी की उचित व्यवस्था, प्रेरणा एप पर रोक लगाने, एक परिसर में स्थित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल के संविलियन पर रोक लगाने, अंतरजनपदीय स्थानांतरण करने, न्यूनतम वेतन की विसंगति को दूर करने, 40 दिन का उपार्जित अवकाश दिए जाने और हर द्वितीय शनिवार को अवकाश दिए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को बीएसए कार्यालय परिसर पर जिले के सभी 16 ब्लाकों के शिक्षकों ने प्रदर्शन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में शिक्षिका मौजूद रही। कहा गया कि सरकार शिक्षकों से बेगार का काम करा रही है, जिससे पठन-पाठन व्यवस्था प्रभावित है। शिक्षकों को पढ़ाने के साथ मिड-डे मील, ड्रेस वितरण, कापी किताब वितरण, स्वेटर वितरण, रैली निकलवाने, दवाइयों का रिकार्ड रखने, चुनाव कराना, बीएलओ बनाना आदि का काम लिया जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णनन के चित्र का माल्यार्पण कर शिक्षक सम्मान दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष बृजेश पांडेय ने कहा कि प्रेरणा एप के माध्यम से शिक्षक-शिक्षिकाओं पर नजर रखी जा रही है, जैसे की शिक्षक कोई अपराधी हैं। यह निजता का हनन है। इस दौरान शिक्षक शिक्षिकाओं ने एकजुट होकर प्रेरणा एप के मानक को बदलकर संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की। कहा गया कि जब प्रेरणा एप से संबंधित मांग पर सरकार फैसला नहीं करती है तब तक इसका संचालन नहीं किया जाएगा। इस मौके पर महामंत्री गजेंद्र वर्मा, संजीव शंखवार, रमाशंकर मिश्रा, कौशल किशोर, चंद्र प्रकाश छुन्ना, राम सिंह कनौजिया, अजय कटियार, सूर्यकांत यादव, संजय सिंह, प्रेम चौधरी, मो कादिर, गंगा प्रसाद पटेल आदि मौजूद रहे।

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शिक्षामित्रों ने नियमतीकरण को लेकर की मांग

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने गुरुवार को चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। कहा गया कि शिक्षामित्रों का नियमतीकरण किया जाए, नियमित होने तक जीवन यापन के लिए वेतन के समकक्ष मानदेय दिया जाए, 12 महिना व 62 वर्ष की सेवा अवधि की नीति बनाकर भविष्य सुरक्षित किया जाए, शिक्षामित्रों का उचित तरीके से कोर्ट का समाधान किया जाए। इस मौके पर जिलाध्यक्ष सुधाकर तिवारी आदि मौजूद रहे।


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