फिसलते रिश्तों की मजबूत डोर बन रही सुधा
जागरण संवाददाता, उन्नाव : आपसी मतभेद या अन्य कारणों से पैदा हुआ मनमुटाव कई परिवारों की
जागरण संवाददाता, उन्नाव : आपसी मतभेद या अन्य कारणों से पैदा हुआ मनमुटाव कई परिवारों की ¨जदगी तबाह कर रहा है। टूटती डोर को संभालने की कोशिश करते बहुत कम ही लोग दिखते हैं। ऐसे ही रिश्तों को अटूट बनाने का काम कर रही है कांस्टेबल सुधा। उसका न तो किसी को परिवारिक रिश्ता है न ही कोई अपना। पुलिस की नौकरी में रहते हुए कुछ अलग करने की सोच रखने वाली कांस्टेबल जालौन उरई के लहरियापुरवा गांव निवासी शिवराम की सबसे छोटी बेटी है। सुधा गोस्वामी ने शादी के 10 साल बाद 2016 में पुलिस की नौकरी शुरू की। उसका सपना है कि पति पत्नी के अटूट रिश्ते में मामूली मनमुटाव या मतभेद से बढ़ती दूरी के कारण बिखरती गृहस्थी को जोड़े रखना। पुलिस विभाग में आने के बाद उसने सपनों को साकार करने का मौका भी मिल गया। यहां तैनाती के बाद उसने ऐसे ही एक जोड़े को मिलाने की कोशिश शुरू की, जो एक दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते। उसका पहला प्रयास सफल रहा तो उसने एक के बाद एक रिश्तों में मिठास घोल 35 से अधिक परिवारों को एक बंधन में बांधकर उसे जीने का तरीका सिखाया। बिखरे परिवारों को फिर से जोड़ा
कांशीराम कालोनी की प्रतिभा बाथम का पति अजय से विवाद हुआ और दोनों ने अलग रहने की ठान ली। सुधा ने दोनों को कई चक्रों में रिश्तों का महत्व समझा फिर से दोनों को एक किया। अजगैन की सुखरानी पत्नी महेश, पुरवा के कुड़हरीखेड़ा निवासी रागिनी पत्नी अमित कुमार के बीच हुए झगड़े को 3 दिन में खत्म किया। मां से मिली प्रेरणा
सुधा कहती है उन्हें अपनी मां किशोरी देवी से सफल गृहणी बनने की प्रेरणा मिली। करीब एक साल से महिला थाना में तैनाती के दौरान उसने जितने मामले देखे, कोशिश रही कि कोई एक दूसरे से अलग न हो। मुकदमा दर्ज होने की कगार पर पहुंच चुके 35 परिवार को मिलाकर आत्मिक खुशी मिली है। महिला थाना प्रभारी नमिता ¨सह भी उसकी सराहना करने से पीछे नहीं हटतीं।