मां के साथ सो रहे भाइयों को सांप ने डसा, दोनों की मौत
संवाद सूत्र अचलगंज थानाक्षेत्र के गांव टीका खेड़ा के मजरे जमुका में गुरुवार की देर रात कर
संवाद सूत्र, अचलगंज: थानाक्षेत्र के गांव टीका खेड़ा के मजरे जमुका में गुरुवार की देर रात करीब तीन बजे मां के साथ बेड पर सो रहे दो भाइयों को जहरीले सांप ने डस लिया। स्वजन दोनों को जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। बच्चों की मौत से आहत स्वजन अंधविश्वास के शिकार होकर ओझा, सपेरों व बंगाली के चक्कर में भटकते रहे। पूरा दिन वे बच्चों का अंतिम संस्कार करने के बजाय उसके शव लिए इधर-उधर भटकते रहे।
टीकाखेड़ा निवासी शिवराम प्रजापति के दो बेटे 9 वर्षीय शिव ललित व 8 वर्षीय पुष्पेंद्र गुरुवार रात अपनी मां सुनीता के साथ बेड पर सो रहे थे। गुरुवार की रात दीवार के सहारे बेड पर पहुंचे जहरीले सांप ने दोनों बच्चों को डस लिया। सांप के काटने से दर्द होने पर बच्चे रो पड़े। उनके रोने से मां की नींद टूटी और उसने बच्चों के रोने का कारण जाना। तभी उसे वहां एक सांप जाता दिख गया जिससे उसकी चीख निकल गई। घर के लोग बच्चों को लेकर जिला अस्पताल भागे। जहां इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। स्वजन वहां से शव लेकर सीधे गांव पहुंचे और लोगों के कहने पर गांव से करीब 20 किमी दूर रावल गांव ले गए। वहां से भी मायूसी मिलने के बाद वे अन्य गावों में भी भटकते रहे। स्वजन ने बच्चों के शव का देरशाम तक अंतिम संस्कार नहीं किया। स्वजन ने बताया कि बच्चों का पिता घर में नहीं था वह मजदूरी करने बेहटा देवारा गंगाघाट गया था। अंध विश्वास में पड़ 16 घंटे तक शव लेकर भटके स्वजन
शुक्रवार सुबह चार बजे जिला अस्पताल के डॉक्टर द्वारा बच्चों के मृत घोषित करने के बाद भी स्वजन अंध विश्वास में पड़े रहे। स्वजनों ने झाड़फूंक के चक्कर में मृत घोषित होने के 16 घंटे बाद भी बच्चों का अंतिम संस्कार नहीं किया। ग्रामीणों ने सांप को पकड़ बाल्टी में किया बंद
बच्चों की सर्प दंश से मौत होने की जानकारी पर पहुंचे ग्रामीणों ने सांप को पकड़कर बाल्टी में बंद कर लिया। बाल्टी में बंद सांप को देखने को गांव के लोगों की भीड़ लगी रही। दोनों भाई गांव में ही संचालित सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। इसमें से बड़ा भाई कक्षा चार और छोटा कक्षा दो का छात्र था।