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चढ़ा पारा, तपन ने ली दो की जान

जागरण संवाददाता, उन्नाव : पारा घटने का नाम नहीं ले रहा है, लगातार बढ़ते पारा और भीषण

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 11:29 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 11:29 PM (IST)
चढ़ा पारा, तपन ने ली दो की जान
चढ़ा पारा, तपन ने ली दो की जान

जागरण संवाददाता, उन्नाव : पारा घटने का नाम नहीं ले रहा है, लगातार बढ़ते पारा और भीषण तपन से जनजीवन बेहाल है। रविवार को भी पारा 43 डिग्री तक पहुंच गया। भीषण तपन की चपेट में आकर एक अधेड़ की हीटस्ट्रोक और एक महिला की डायरिया से मौत हो गई। दोपहर को तेज धूप के चलते सड़कों पर सन्नाटा पसर रहा। आलम यह था कि जो भी रास्ते में फंसा वह भी धूप से बचाव का असफल प्रयास करता नजर आया।

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औरास थान क्षेत्र के गांव लोधई निवासी प्रेम 45 वर्ष पुत्र स्व. शिवदीन परिवार के साथ चंडीगढ़ में रह कर जीवन यापन करता था वह 26 अप्रैल को बेटे रमाकांत की शादी में शामिल होने गांव आया था। शनिवार को वह हीटस्ट्रोक का शिकार हुआ। अचानक उसके सीने में दर्द होने लगा परिजन उसे पीएचसी ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि तभी उसकी मौत हो गई। डाक्टर का मानना है कि हीटस्ट्रोक के कारण हृदय गति रुकने से मौत हुई है। वहीं थाना बारासगवर के चंदीपुर निवासी देवी सहाय की पत्नी छेदाना को शनिवार रात अचानक उल्टी दस्त आना शुरू हुए। बेटे ने कानपुर के एक नर्सिंगहोम में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई। 43 डिग्री पहुंचे पारा ने रविवार को भी तपन से लोगों को बेहाल किए रखा। भीषण तपिश से लोग किस कदर बेहाल थे इसका नजारा शहर में उस समय देखने को मिला जब छोटा चौराहा पर कुछ देर का जाम लगा और जाम देख वाहन से उतर छांव में खड़े हो गए। धूप से बचाव के प्रयास भी नाकाफी रहे। भीषण गर्मी के चलते आम जनजीवन बेहाल हैं। हैंडपंप और कुआ का जल स्तर नीचे चला गया है। सरकारी नलकूप भी जलस्तर गिरने के कारण क्षमता से कम पानी दे रहे हैं इससे पेयजल संकट भी खड़ा हो गया है।

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डायरिया व बुखार पीड़ित रोगियों की बढ़ रही संख्या

- मौसम में चल रहे उतार चढ़ाव को देखते हुए डायरिया पीड़ित रोगियों की संख्या में भी काफी इजाफा हो रहा है। इसका प्रमाण लगभग हर दिन जिला अस्पताल के वार्ड में देखा जा सकता है। जहां बेड की कमी के कारण रोगियों को वापस किया जा रहा है, इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि अस्पताल आने वाले मरीजों को बेड का हवाला देते हुए हाथ जोड़ लिए जाते हैं या फिर एक ही बेड पर कई-कई लोगों को लिटा दिया जाता है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।


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