भूजल स्तर में सिकंदरपुर सरोसी भी सुरक्षित
जागरण संवाददाता उन्नाव भूगर्भ जलस्तर को लेकर जिले के लिए राहत की बात है। खासकर वह लोग
जागरण संवाददाता, उन्नाव: भूगर्भ जलस्तर को लेकर जिले के लिए राहत की बात है। खासकर वह लोग जो सिकंदरपुर सरोसी ब्लाक, विधानसभा सदर के बाशिदे हैं। लघु सिचाई विभाग के अनुसार यहां भूजल स्तर को लेकर पहले सेमी क्रिटिकल की स्थिति थी। जिससे यह ब्लाक भी बाहर आ गया है और सुरक्षित श्रेणी में गिना जा रहा है। इसीके साथ विभाग के सहायक अभियंता ने बताया कि अब जिले में सभी ब्लाक सुरक्षित भूजल स्तर की श्रेणी में आ गए हैं।
सहायक अभियंता लघु सिचाई ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि भू-गर्भ जल विभाग के नवीनतम आंकड़ों में जनपद के 16 विकासखंड में एक मात्र सेमी क्रिटिकल विकासखंड सिकंदरपुर सरोसी था, जो अब सुरक्षित श्रेणी में आ गया है। बताया कि सरोसी में भूजल स्तर सुधरने का कारण है कि विकासखंड में सुरक्षित श्रेणी में, भू-जल संवर्धन के तालाबों के जीर्णोद्धार, रूफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिग तथा अच्छी बरसात का योगदान रहा। गौरतलब है कि प्रदेश में उत्तर प्रदेश भू-गर्भ जल (प्रबंधन और विनियमन) अधिनियम 2019 प्रभावी है। जिला भू-गर्भ जल प्रबंधन परिषद के अध्यक्ष डीएम रवींद्र कुमार हैं। बताया कि अधिनियम के अंतर्गत भूगर्भ-जल दोहन के लिए उपभोक्ताओं को पोर्टल पर पंजीकरण करना जरूरी है। विभाग ने बताया कि सरकारी, अर्द्धसरकारी विभागों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, आवासीय परिसरों की रूफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिग संरचना अनिवार्य किये जाने से भी भूगर्भ-जल स्तर में सुधार हुआ है।
-
जिला और प्रदेश की स्थिति
प्रदेश में अभी भी 66 विकासखंड अतिदोहित हैं। 49 विकासखंड क्रिटिकल हैं। 177 विकासखंड सेमी-क्रिटिकल हैं। 544 विकासखंड सुरक्षित श्रेणी में हैं। जिसमें जनपद के समस्त 16 विकासखंड भी सुरक्षित श्रेणी में हैं।