परीक्षा केंद्र निर्धारण में गलतियों पर पर्दा
जागरण संवाददाता, उन्नाव : बोर्ड परीक्षा से पूर्व एक तरफ जहां माध्यमिक शिक्षा परिषद नकल की कि
जागरण संवाददाता, उन्नाव : बोर्ड परीक्षा से पूर्व एक तरफ जहां माध्यमिक शिक्षा परिषद नकल की किलेबंदी को तोड़ने में लगा है, वहीं पटल पर नए रास्तों की कवायद शुरू है। इसकी बानगी केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया में देखने को मिल रही है। जहां उन स्कूलों को केंद्र बनाने की तैयारी है, जो मानक पर खरे नहीं। बावजूद इसके सत्यापन में उन्हें सही ठहरा दिया गया।
यूपी बोर्ड परीक्षा 2019 का कार्यक्रम जारी होने के बाद से माध्यमिक शिक्षा परिषद ने तैयारियों को तेज किया है। केंद्र निर्धारण अक्टूबर माह में किया जाना है। समय सीमा को देखते हुए परिषद ने स्कूलों को गाइडलाइन जारी कर आधारभूत सूचनाएं मांगी। परिषद की वेबसाइट पर अपलोड होने वाली सूचनाओं में त्रुटियां न हो, इसके लिए डीआइओएस को निर्देशित किया गया। 20 सितंबर तक की मौका राजकीय, एडेड और निजी कॉलेज को मिला था । स्कूल प्रबंध तंत्र द्वारा अपलोड की गई सूचनाओं की हकीकत को परखे बिना कागजों में उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है। छिपाए जाने वाले तथ्यों में ज्यादातर स्कूल कक्षाओं के अंदर की फोटो न अपलोड कर बाहरी दीवारों को दिखा रहे हैं। मानकों को रखा ताक पर
केंद्र निर्धारण में आधारभूत सूचनाओं को छिपाने में सबसे ज्यादा एडेड और राजकीय हाईस्कूल व इंटर कॉलेज हैं। इनके द्वारा अपलोड की जाने वाली फोटो में चहारदीवारी, कक्षाओं में प्रकाश व्यवस्था और पेयजल-शौचालय नहीं है । यही नहीं, कुछ स्कूलों की कक्षाएं मानक के विपरीत होते हुए उन्हें सही ठहरा दिया गया। सत्यापन की रिपोर्ट पर बोर्ड ने आपत्ति जताई है। इन स्कूलों ने नियम नहीं माने
राजा शंकर सहाय इंटर कॉलेज, रानी शंकर सहाय इंटर कॉलेज, जनता शिक्षा निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय, आदर्श इंटर कॉलेज पुरवा, श्याम कुमार सेठ, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नवाबगंज, राजकीय इंटर कॉलेज सिविल लाइन्स, ओपीजेडी इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पुरवा सहित 72 स्कूल हैं। 'त्रुटियों को दूर करने का कार्य किया जा रहा है। बोर्ड की गाइडलाइन के तहत ही केंद्र निर्धारण होंगे।'
- राकेश कुमार, डीआइओएस