शहर संवारने को सेटेलाइट बनेगा मददगार
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सालों से शहर में हो रहे अनियोजित विस्तार पर अब विकास प्राधिकरण
जागरण संवाददाता, उन्नाव : सालों से शहर में हो रहे अनियोजित विस्तार पर अब विकास प्राधिकरणों को फिक्र हुई है। इसी के बाद नगर नियोजन विभाग ने अब अवैध निर्माण से लेकर शहर के व्यवस्थित विकास पर नजर रखने की तैयारी की है। इसके लिए अब सेटेलाइट को माध्यम बनाया जाएगा और उसे पूरे प्रदेश में एक साथ लागू करने की तैयारी है।
तमाम कवायद के बाद भी शहरी विकास को लेकर बुना गया ताना बाना अब तक बेकार साबित हुआ। विकास प्राधिकरणों के पास इसके लिए तकनीकी जानकारों की टीम होने के बाद भी शहर में बिना नक्शा स्वीकृति के अवैध निर्माण का क्रम लगातार जारी रहा। जिसके चलते विकास प्राधिकरण की सक्रियता के बाद भी शहरियों के सामने समस्याओं का अंबार भी लगा हुआ है। इसी को देखते हुए अब नगर नियोजन विभाग ने विकास प्राधिकरणों को आकाशीय निगरानी की सुविधा देने की तैयारी कर ली है। जल्दी ही सेटलाइट के माध्यम से विकास प्राधिकरण अपने क्षेत्रों को सुरक्षित रखने की कवायद शुरू करेगा। इसके माध्यम से मशीन पहले पखवारे में जगह जगह से आवासीय क्षेत्र की तस्वीरे लेते हुए आवासीय क्षेत्रों को ¨चहित करेगा। इसके बाद उन क्षेत्रों की तस्वीरों लेकर वहां के निर्माण पर नजर डालते हुए ¨चहित किया जाएगा। इसके बाद अगले 15 से 20 दिनों बाद पुन: परीक्षण के लिए सेट लाइट के माध्यम से तस्वीरें ली जाएगी। दोनों तस्वीरों का मिलान करने के बाद उन क्षेत्रों की एक सर्च रिपोर्ट तैयार होगी। शहर के नियोजित विकास में होगा सहायक
सेट लाइट के माध्यम से जो तस्वीरें ली जाएगी उसके बाद उन क्षेत्रों के अवैध निर्माण पर कार्रवाई और नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया तो बढ़ेगी साथ ही नियोजित विकास की रूप रेखा भी आसानी से तैयार होगी। आज से दिया जाएगा प्रशिक्षण
नगर नियोजन विभाग द्वारा सेट लाइट से निगरानी के लिए तैयार की गई रणनीति के आधार पर पूरे प्रदेश में इसे एक साथ लागू करने की तैयारी है। जिसके लिए बुधवार से लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित इंजीनिय¨रग कालेज में इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिले से अभियंता राकेश मोहन श्रीवास्तव को प्रशिक्षण के लिए नामित किया गया है। सेटलाइट से अवैध निर्माण व नक्शा स्वीकृति के बिना बनने वाले भवनों को चिह्नित करने की योजना शुरू हुई है। बुधवार से प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शुरू हो रहा है। इसके बाद तय होगा कि विकास प्राधिकरण को सेटलाइट के लिए सीधे कंपनी से संपर्क करना होगा या फिर प्रदेश स्तर पर इसकी व्यवस्था होगी।
- पीके ¨सह, सचिव यूएसडीए