ट्रैक किनारे हो रहे निर्माण से आरपीएफ बेखबर
जागरण संवाददाता, उन्नाव : रेल हादसों के प्रति रेलवे कितने संजीदा है, इसका अंदाजा रायबरेली
जागरण संवाददाता, उन्नाव : रेल हादसों के प्रति रेलवे कितने संजीदा है, इसका अंदाजा रायबरेली पैसेंजर के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना से लगाया जा सकता है। हादसे के बाद शुरू कराई गई जांच में कई ऐसे अहम खुलासे हुए हैं, जो चौंकाने वाले हैं। यहां स्थानीय रेल प्रशासन को अंधेरे में रखते हुए ट्रैक किनारे विद्युतीकरण का कार्य कराया जा रहा था। सुरक्षा की दृष्टि से कार्यदायी संस्था के अलावा संबंधित विभाग के अधिकारियों ने आरपीएफ को सूचना तक नहीं दी। जो अहम थी।
उन्नाव-रायबरेली रूट पर ओएचई को लेकर उत्तर रेलवे द्वारा पिछले दो महीने से विद्युतीकरण का कार्य कराया जा रहा है। रेल विद्युतीकरण विभाग द्वारा कार्य पूरा कराने का टेंडर एक निजी फर्म को दिया गया है। ट्रैक किनारे चल रहे कार्यों में फर्म ने स्थानीय रेल प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी। फर्म ठेकेदार के साथ खंड अभियंता द्वारा यह लापरवाही बरती गई। किसकी निगरानी में कार्य चल रहा है, इसका भी कोई अता-पता रायबरेली पैसेंजर की घटना में नहीं चला। जिस वजह से घटना के दूसरे दिन रविवार को आरपीएफ ठेकेदार और ट्रैक्टर चालक को एक गांव से दूसरे गांव तलाशती रही। दोनों ही नहीं मिले।
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रेलवे परिसर में होने वाले कार्य से पूर्व नियम
- जुड़े सेक्शन के सभी संबंधित अनुभाग को सूचना लिखित तौर पर।
- ठेकेदार सहित कर्मचारियों की आइडी के साथ डिटेल आरपीएफ को देनी चाहिए।
- रेलवे और निजी फर्म द्वारा कार्यस्थल पर एक-एक सुपरवाइजर की ड्यूटी।
- सेक्शन में चल रहे कार्यों में रेल सम्पत्ति की निगरानी के लिए आरपीएफ की तैनाती।
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उन्नाव आरपीएफ के सेक्शन
- उन्नाव-रायबरेली रूट पर बीघापुर सेक्शन
- कानपुर-लखनऊ रूट पर कानपुर मरे कंपनी से जैतीपुर