रिमझिम बारिश ने गर्मी से दी राहत
भीषण गर्मी के बीच बारिश होने से लोगों को तो राहत मिली है लेकिन किसान हैरान है। जो उसके अरमान थे वह ठंडे पड़ गए हैं। खेतों में कटाई व मढ़ाई का काम रूक गया है। वहीं फसल भींगने से दाने में नमी के साथ उसके खराब होने की संभावना बढ़ गई है। सबसे बड़ा असर भूसे पर पड़ा है। भूसा खराब होने से मवेशियों के चारे की समस्या खड़ी हो जाएगी। साथ ही आम की फसल में रूजी व स्टेम बोरर कीट के लगने की संभावना बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम की हवा चलने से अगले 4
जागरण संवाददाता, उन्नाव : भीषण गर्मी के बीच बारिश होने से लोगों को तो राहत मिली है, लेकिन किसान हैरान है। खेतों में कटाई व मढ़ाई का काम रुक गया है। वहीं फसल भींगने से दाने में नमी के साथ उसके काला पड़ने संभावना बढ़ गई है। सबसे बड़ा असर भूसे पर पड़ा है। भूसा खराब होने से मवेशियों के चारे की समस्या खड़ी हो जाएगी।
मंगलवार से मौसम का रूख बदला हुआ रहा तो बुधवार को भी कमोबेश यही हालात रहे। सुबह लोगों को ठंडी लगी। वहीं रात में बारिश होने से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ। बुधवार सुबह भी हल्की बूंदाबांदी हुई जिसने सबसे अधिक किसानों को परेशान किया। मौसम का हाल यह रहा कि अधिकतम तापमान 26 डिग्री रिकार्ड किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 20 डिग्री रिकार्ड किया गया। तापमान गिरने से लोगों के घरों के कूलर बंद हो गए। वहीं रात में लोगों को पंखा भी बंद करना पड़ा। रात में बारिश से किसानों की धड़कन बढ़ी रही।
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भूसे में आया पीलापन, गिर जाएगी कीमत
- सलखेमऊ मोहान निवासी किसान राम दुलारे का कहना है कि बारिश से गेहूं कटाई रुक गयी है। वहीं भूसा खराब सकता है। ब्रजपालपुर निवासी किसान अवधेश सिंह का कहना है कि बारिश से कटाई व मढ़ाई तीन दिन रुक गयी है। भूसे में पीलापन आने से उसकी पूरी कीमत नहीं मिल सकेगी।
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बोझ बंधने लायक नहीं
- सफीपुर के किसान राजकुमार ने बताया कि हल्की बारिश के कारण दो दिन तक खड़ी फसल की कटाई नहीं हो सकेगी। और जो कट गई है उसकी बंधाई नहीं हो सकेगी। फसल की थ्रेसरिग भी नहीं हो सकती है। कारण फसल मुलायम पड़ गयी है। इससे सूखने में दो तीन दिन लगेंगे।
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क्या कहते अधिकारी
- हल्की बारिश से गेहूं की फसल को बहुत अधिक नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि कटाई रुक गई है। यदि ओले पड़ते तो किसानों को अधिक नुकसान होता। जो उत्पादन है उसमें बहुत अंतर नहीं आएगा। जहां कहीं पर गेहूं की फसल अधिक भीग गई है तो धूप पड़ने से दाना काला होने की संभावना है।
- डॉ. नंद किशोर, उपनिदेशक कृषि
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पांच साल में सबसे ठंडा रहा 17 अप्रैल
पिछले पांच सालों में 17 अप्रैल ठंडा रहा। अधिकतम तापमान 26 डिग्री पर रहा जो इससे पहले कभी नहीं रहा। इस दौरान भीषण गर्मी पड़ती रही है।
वर्ष-अधिकतम-न्यूनतम
2019-26 डिग्री-20 डिग्री
2018-42 डिग्री-25 डिग्री
2017-39 डिग्री-25 डिग्री
2016-44 डिग्री-26 डिग्री
2015-35 डिग्री-23 डिग्री
2014-40 डिग्री-19 डिग्री
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18 से 19 अप्रैल तक मौसम खराब रहने की संभावना
- मौसम विभाग ने पश्चिम, अवध व उत्तर के भागों में बारिश, तूफान आने की भविष्यवाणी की है। ऐसे में फसल को सहेजने के लिए जिला कृषि विभाग ने गाइड लाइन जारी कर दी है। मौसम 18 और 19 अप्रैल को बहुत अधिक खराब रहेगा। तूफान आने की पूरी संभावना है। उप कृषि निदेशक डा नंद किशोर ने बताया कि जिन किसानों ने कटाई कर ली है वह बोझ को ढककर रख ले।