रबी की फसल को मौसम पहुंचा सकता है नुकसान
जागरण संवाददाता, उन्नाव : तापमान गिरने के साथ ही रबी की फसलों में रोग की संभावनाएं बढ़ र
जागरण संवाददाता, उन्नाव : तापमान गिरने के साथ ही रबी की फसलों में रोग की संभावनाएं बढ़ रही है। इस समय सबसे अधिक देखरेख की जरूरत आलू की अगेती खेती में है। कृषि विभाग ने किसानों के लिए फसलों की नियमित देखरेख करने और लक्षण के अनुरूप दवाओं का प्रयोग करने की सलाह दी है।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी सत्येंद्र ¨सह ने बताया कि इस समय तापमान गिर रहा है। इसके साथ-साथ बदली और कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो रही है। मौसम में आ रहे परिवर्तन के कारण रवि की फसलों में कीट व रोग के प्रकोप की संभावना बढ़ गई है। ऐसी दशा में आलू की अगेती फसलों के माहू से प्रभावित होने की संभावना है। श्री ¨सह के अनुसार आलू में अगेती खेती को झुलसा के प्रकोप से बचाव के लिए जिनेब 75 फीसद, डब्ल्यूपी, 2.5 किलोग्राम और कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 50 प्रतिशत ढाई किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 750 से 1000 लीटर पानी में घोलकर सुरक्षात्मक छिड़काव करें। तिलहनी फसलों, राई, सरसों में माहू के प्रकोप की दशा में नीम आयल 10 प्रतिशत ढाई लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। रासायनिक नियंत्रण में 30 प्रतिशत ईसी 1 लीटर, 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। कृषि रक्षा अधिकारी के अनुसार किसानों को इस बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने नियमित रूप से खेतों में जाकर फसलों की करीब से पड़ताल करने रहने की जरूरत बताई।