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Pulwama Terror Attack: उन्नाव के अजीत कुमार की अंतिम यात्रा पर रोया शहर

पुलवामा हमले में शहीद उन्नाव के अजीत कुमार की अंतिम यात्रा में भावनाओं का ज्वार उमड़ा। अपने लाल को सलामी देने के लिए आंखों में आंसू लिए हर छत से महिलाएं-बच्चे फूल बरसा रहे थे।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 11:44 AM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 01:45 PM (IST)
Pulwama Terror Attack: उन्नाव के अजीत कुमार की अंतिम यात्रा पर रोया शहर
Pulwama Terror Attack: उन्नाव के अजीत कुमार की अंतिम यात्रा पर रोया शहर

कानपुर, जेएनएन पुलवामा हमले में शहीद उन्नाव के अजीत कुमार की अंतिम यात्रा में भावनाओं का ज्वार उमड़ा। अपने लाल को सलामी देने के लिए आंखों में आंसू लिए हर छत से महिलाएं-बच्चे फूल बरसा रहे थे। युवाओं का गुस्सा सरकार को पाकिस्तान से आर-पार करने के लिए ललकार रहा था। 

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सुबह पहुंचा पार्थिव शरीर

इससे पहले शनिवार सुबह शहीद अजीत कुमार का पार्थिव शरीर लोकनगर मोहल्ले पहुंचा। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें अंतिम सलामी दी। इसके बाद शुरू हुई अंतिम यात्रा लोकनगर से चलकर कब्बा खेड़ा सिविल लाइन होते हुए बड़े चौराहे पर पहुंची। यहां अपने रणबांकुरे की शहादत को नमन करने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंच चुके थे। जज्बाती भीड़ लगातार पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रही थी। 

शहीद अजीत कुमार का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा। इस दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक, जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पाण्डेय और एसपी हरीश कुमार भावुक हो गए। शहीद अजीत कुमार को नम आंखों से से श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। मां अपने बेटे की तो पत्नी अपने पति की शहादत के बाद गुमसुम सी हैं। शहीद पिता की बेटी सरकार से कार्रवाई की मांग उठा रही है। 

अजीत कुमार बीते रविवार को ही कश्मीर गए थे। शहीद की बेटी ईशा ने कहा कि अब ऐसे काम नहीं चलेगा। सरकार को और ठोस कदम उठाने चाहिए। शहीद की पत्नी मीना गौतम ने कहा कि सरकार को आतंकियों पर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। शहीद की मां ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। मोहल्ले के लोग भी पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। 

रोते बिलखते रहे परिजन 

आतंकी हमले में शहीद अजीत कुमार के पार्थिव शरीर को देखकर परिजन रोते-बिलखते रहे। लोकनगर मोहल्ले में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हर आंख में नमी और दिल में आतंकियों के खिलाफ गुस्सा साफ झलक रहा था। सभी का कहना था कि सरकार को दो कदम आगे बढ़कर कार्रवाई करनी चाहिए। इनसबके बीच शहीद की दस वर्षीय बेटी श्रेया बार-बार पिता के पार्थिव शरीर पर बिखलते हुए बेसुध हो रही थी। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, मंत्री बृजेश पाठक, सांसद साक्षी महाराज, विधायक पंकज गुप्ता, जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार, एसपी हरीश कुमार व अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि दे रहे थे। 


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