सरकारी जांच से पहले प्राइवेट लैब नहीं दे सकेंगी जांच रिपोर्ट
जागरण संवाददाता उन्नाव संचारी रोग की रोकथाम की प्रभावी कार्रवाई और संक्रमितों का सही
जागरण संवाददाता, उन्नाव : संचारी रोग की रोकथाम की प्रभावी कार्रवाई और संक्रमितों का सही उपचार कराने के लिए शासन ने प्राइवेट लैब पर शिकंजा कसा है। डेंगू, मलेरिया और कालाजार को लेकर शासनदेश जारी किया है कि प्राइवेट लैब संक्रमित मरीज मिलने पर उसे रिपोर्ट तभी दे सकेंगी जब रीजन लैब की जांच रिपोर्ट आ जाएगी। शासन का फरमान पैथोलॉजी संचालकों के लिए नयी मुसीबत लेकर आया है। मरीजों को भी रिपोर्ट के लिए कई-कई दिन तक इंतजार करना होगा। वहीं, स्वास्थ्य विभाग को शासनादेश का पालन कराना किसी चुनौती से कम नहीं है।
डीएम रवीन्द्र कुमार डेंगू, मलेरिय, जापानी इंसेफेलाइटिस, कालाजार के संबंध में जारी एडवाइजरी का शत-प्रतिशत पालन कराने का आदेश दिया है। उन्होंने प्राइवेट पैथोलॉजी, निजी अस्पतालों के प्रबंधकों और संचालकों को चेतावनी दी है कि अगर उक्त बीमारियों से संबंधित जांच रिपोर्ट सरकारी लैब से जांच रिपोर्ट आने के पहले जारी की तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने बताया कि इन रोगों के प्रसार की घोषणा एवं प्रचार-प्रसार किसी प्राइवेट व्यक्ति, संस्था, चिकित्सालय, पैथोलॉजी द्वारा किया जाना अवैधानिक है।
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इस नंबर पर देनी होगी सूचना
- उक्त रोगों से संबंधित जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सीएमओ कंट्रोल रूम कार्यालय में कार्यरत एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. रवि के मोबाइल, व्हाट्सएप नंबर 9415546733 पर सूचना देने का आदेश जारी किया गया है।
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जुर्माना या लाइसेंस निरस्त करने की होगी कार्रवाई
- जिला मलेरिया अधिकारी आरसी यादव ने बताया कि उक्त शासनादेश का पालन न करने का मामला पकड़ में आने पर संबंधित लैब या निजी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने और जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी।