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परियर के 65 गंगा घाटों पर कार्तिक स्नान की तैयारी

संवाद सूत्र परियर सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा का विशाल स्नान यहां के मुख्य व उप घाटों को

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 11:51 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 11:51 PM (IST)
परियर के 65 गंगा घाटों पर कार्तिक स्नान की तैयारी
परियर के 65 गंगा घाटों पर कार्तिक स्नान की तैयारी

संवाद सूत्र, परियर: सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा का विशाल स्नान यहां के मुख्य व उप घाटों को मिलाकर कुल 65 स्थानों पर होना है। हर साल लाखों की संख्या में गंगा स्नान को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए मार्ग से लेकर स्नान तक की व्यवस्था को लेकर गुरुवार को अहम बैठक हुई। इसमें तीर्थी पुरोहितों ने आपस में चर्चा की।

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तीर्थपुरोहितों ने गंगा तट पर बैठक कर गंगा स्नान व लगने वाले मेले की रूपरेखा तैयार की। परियर ब्रम्मावर्त गंगा तट पर तीर्थ पुरोहितों ने बैठक कर आपस में मुख्य 44 घाटों व 21 उपघाट पर श्रद्धालुओं को स्नान कराने की तैयारी की है। गंगा स्नान के दौरान लगने वाले मेले में आवागमन के लिए चार तीस तीस फिट चौड़े रास्ते की जगह निकाली गई है। तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि सोमवार को ब्रह्ममुहुर्त से गंगा स्नान प्रारंभ हो जाएंगे। शाम को गंगा आरती होगी। बैठक में रोहित तिवारी, ज्ञानशंकर, रमेश, अजय पांडेय, नान गुरु, जयशंकर, शिवगोपाल, तुन्ना, स्वामी शंकर, संतराम, अविनाश आदि तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे।

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गंगा तट पर खतरा बढ़ा रहा पैमाईश के अंदर खनन

उन्नाव: परियर में 104 बीघे के बालू पट्टे पर खननकर्ता पैमाइश के अंदर ही खनन कर रहे हैं। खननकर्ता पैमाइश वाले स्थानों पर गहरी खुदाई करके जो खनन कर रहे हैं। उससे गंगा तट बिलकुल खराब हो रहा है। इसके साथ ही यहां बन चुके गड्ढे स्नानार्थियों, पंडित व पुरोहितों के लिए खतरा बन गए हैं। जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद खननकर्ताओं ने खराब हुए रास्तों और घाट को सुधारने का आश्वासन दिया है। बताते चलें कि पिछले वर्ष परियर में खनन का पट्टा पांच वर्ष के लिए आवंटित है। इसमें भूमि की पैमाइश लखनऊ से खनन सर्वेयर व जिला खनन अधिकारी, क्षेत्रीय कानूनगो व लेखपाल की मौजूदगी में की गई थी। खनन स्थल को चिन्हित कर सीमेंट के पिलर व झंडी गाड़ कर निश्चित किया गया था। चिन्हित खनन स्थल की परिधि में परियर गंगा तट पर साल के छोटे, बड़े दर्जनों गंगा स्नान के मेले लगते रहे है। पर जब से भूमि का पट्टा खनन कर्ताओं को किया गया। तब से यहां के तीर्थ पुरोहितों के माथे पर जीवन यापन हेतु चिता की लकीर साफ नजर आने लगी। तीर्थपुरोहितों ने जिला प्रशासन से लेकर क्षेत्रीय विधायक व मुख्यमंत्री पोर्टल पर इस समस्या को उठाया।


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