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एडीजी के फरमान को पुलिस का ठेंगा

जागरण संवाददाता, उन्नाव : सरकार के मुखिया पुलिस के काम में सियासी दखल नहीं होने का दावा भ

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Sep 2017 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 05 Sep 2017 03:00 AM (IST)
एडीजी के फरमान को पुलिस का ठेंगा
एडीजी के फरमान को पुलिस का ठेंगा

जागरण संवाददाता, उन्नाव : सरकार के मुखिया पुलिस के काम में सियासी दखल नहीं होने का दावा भले करें पर जिलों में तस्वीर इससे उलट है। आलम ये कि अपराधियों को न बख्शने के डीजीपी के फरमान और एडीजी की हिदायत के बाद भी जिलों में पुलिसिंग का ढर्रा नहीं बदला। उन्नाव पुलिस को पांच दिन पहले एडीजी ने भदेसा के पूर्व प्रधान की हिस्ट्रीशीट खोलने से लेकर गैंगस्टर की कार्रवाई के निर्देश दिए। एसपी द्वारा तीन दिन में कार्रवाई का भरोसा दिया गया पर पांच दिन बाद भी कुछ भी नहीं बदला। न पूर्व प्रधान पर कार्रवाई हुई और न ही कई मामलों में वांछित अंशू यादव की गिरफ्तारी।

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आलम यह है कि जिले में आकर डीजीपी कह जाते हैं कि नए या पुराने किसी भी अपराधी से मुरव्वत नहीं होगी सभी को जेल जाना होगा। शातिर अपराधियों पर पुलिस की मेहरबानी से तिलमिलाए एडीजी जोन जिला पुलिस भदेसा के पूर्व प्रधान की हिस्ट्रीशीट खोलने और गैंगस्टर की कार्रवाई के साथ शातिर अपराधी अंशू यादव की गिरफ्तारी का फरमान सुनाया पर सब ताक पर है।

माखी भदेसा के पूर्व प्रधान दिनेश ¨सह पर 13 से अधिक मामले दर्ज हैं। सपा की सरकार में संरक्षण होने के कारण पुलिस ने उसे न छू सकी। भाजपा सरकार बनने के बाद भी उसको भाजपा से जीते बाहुबली की सरपरस्ती हासिल रही। बाहुबली के दबाव का ही नतीजा है कि पुलिस आफिस से अपहरण की कोशिश का मुकदमा तो लिखा गया पर पुलिस ने उस पर हाथ नहीं डाला। आइजी जयनाराण ¨सह के निर्देश पर पुलिस ने गुंडा एक्ट तो तामील करा दिया पर 12 से ज्यादा संगीन मुकदमे दर्ज होने के बाद भी हिस्ट्रीशीट नहीं खोली गई। पांच दिन पहले अपराध समीक्षा बैठक के दौरान एडीजी अभय कुमार प्रसाद ने पूर्व प्रधान की हिस्ट्रीशीट खोलने और गैंगस्टर की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। तब एसपी ने तीन दिन के भीतर कार्रवाई हो जाने का भरोसा दिया पर पांच दिन होने पर भी पुलिस का ढर्रा पुराना सा ही है। सीओ को जांच दिए जाने के कोरे दावे कर इस बार भी पुलिस ने खुद को सुरक्षित किया है।

एक और शातिर पर मेहरबानी

पूर्व प्रधान के साथ शहर के मोहल्ला लोकनगर निवासी अंशू यादव का नाम भी लोगों की जुंबा पर है। सरेआम फाय¨रग करने की तमाम घटनाएं और 6 से अधिक मुकदमें दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट नहीं खोली। पुलिस द्वारा मिली छूट से हौसला बुलंद अपराधी सरेराह फाय¨रग कर अपना दबदबा कायम कर रहा है। डकैती और जानलेवा हमले जैसे संगीन मामले दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तारी न होना उसके प्रति पुलिस मेहरबानी को दर्शाता है। एडीजी के निर्देश बाद भी उसे पकड़ा न जाना अब चर्चा का विषय बना है।

सर्किल के दो सीओ की जुबानी

भदेसा के पूर्व प्रधान के मसले पर सफीपुर सीओ कुंवर बहादुर सफाई देते कि कप्तान द्वारा जो जांच दी गई थी उसे बकरीद पर लखनऊ में ड्यूटी जाने के चलते नहीं कर पाया, मंगलवार को वापस लौटने के बाद जांच शुरू की जाएगी। वहीं अंशू यादव की गिरफ्तारी को लेकर सीओ सिटी स्वतंत्र कुमार ¨सह ने बताया कि उसे पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। वह भागा हुआ है, बावजूद इसके पुलिस जल्द गिरफ्तार कर उसे जेल भेजेगी।


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